पिछले साल आइपीओ भी लाने वाला था नीरव मोदी, फ्रॉड से बाल-बाल बच गए निवेशक

कारोबार एवं खातों में अनियमितता मिलने पर सेबी ने नीरव मोदी के आवेदन को रद कर दिया था।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Sat, 17 Feb 2018 07:46 PM (IST) Updated:Sat, 17 Feb 2018 07:46 PM (IST)
पिछले साल आइपीओ भी लाने वाला था नीरव मोदी, फ्रॉड से बाल-बाल बच गए निवेशक
पिछले साल आइपीओ भी लाने वाला था नीरव मोदी, फ्रॉड से बाल-बाल बच गए निवेशक

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। पीएनबी घोटाले में बैंकों को 11,400 करोड़ रुपयों का चूना लगाने वाला नीरव मोदी 2017 में अपनी एक कंपनी के नाम पर आइपीओ (इनीशियल पब्लिक ऑफर) लाने वाला था। लेकिन इसमें वह सफल नहीं हुआ। जिसके कारण शेयर बाजार के निवेशक उसके फ्रॉड से बाल-बाल बच गए।

नीरव मोदी अपनी एक कंपनी 'फायर स्टार डायमंड्स' के नाम पर 1000 करोड़ रुपये का आइपीओ लाने वाला था। लेकिन कंपनी के कारोबार एवं खातों में अनियमितता पाए जाने के कारण सेबी ने उसके पब्लिक इश्यू का आवेदन रद कर दिया था। माना जा रहा है कि वह पूंजी बाजार से पैसा जुटाकर बैंकों की कुछ राशि अदा करने की योजना बना रहा था।

इससे एक साल पहले नीरव का मामा मेहुल चौकसी अपनी कंपनी 'गीतांजलि जेम्स लिमिटेड' का आइपीओ ला चुका था। गीतांजलि के शेयर एक समय निवेशकों में काफी लोकप्रिय रहे। इसके एक शेयर की कीमत 650 रुपयों तक पहुंच गई थी, लेकिन कुछ समय बाद कंपनी से जुड़े कुछ घोटाले सामने आने के बाद इसके शेयर आज 37-38 रुपयों के भाव पर घिसट रहे हैं।

मेहुल अपनी दूसरी कंपनी 'नक्षत्र व‌र्ल्ड लिमिटेड' का भी पिछले साल आइपीओ लाना चाहता था। 650 करोड़ रुपये के इस आइपीओ के लिए उसे सेबी की अनुमति भी मिल गई थी। लेकिन शेयर बाजार से जुड़े सूत्रों के अनुसार उन्हीं दिनों गीतांजलि जेम्स के कुछ घोटालों के सामने आने के कारण मेहुल को आइपीओ लाने से पीछे हटना पड़ा था।

कितना बड़ा है देश का सबसे बड़ा बैकिंग घोटाला

पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआइ के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। पंजाब नेशनल बैंक का कुल बाजार पूंजीकरण 30,477.50 करोड़ रुपए का है। बाजार पूंजीकरण का मतलब यह होता है कि अगर आपके पास 30477.50 करोड़ रुपए हैं तो आप बैंक के सभी शेयर खरीद सकते हैं। अब यह घोटाला कितना बड़ा है इसका अंदाज आप ऐसा लगाइए कि यह बैंक के कुल बाजार पूंजीकरण के एक तिहाई के बराबर है।

बैंकों में पूंजी का आधार बढ़ाने के लिए सरकार बैंकों में पुन: पूंजीकरण करती है। डूबे हुए कर्ज की वजह से बैंकों की पूंजी में ह्रास होता है। साथ ही बैंक ज्यादा कर्ज बांट सकें इसके लिए ज्यादा पूंजी की आवश्यकता होती है। बजट 2018 में बैंको के पूंजीकरण के लिए 31 मार्च से पहले 88139 करोड़ रुपए की राशि दी जाने की बात कही गई थी। 88139 करोड़ में से 8139 करोड़ रुपए बजट से और 80000 करोड़ रुपए के बॉण्ड से जुटाने हैं। इस पूंजीकरण में से पंजाब नेशनल बैंक के खाते में कुल 5473 करोड़ रुपए की रकम आनी थी। यह घोटाला बैंक को सरकार से मिलने वाली पूंजी का दोगुना है।

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