चीनी कंपनी को मिलने वाला थर्मल कैमरों का टेंडर रेलवे ने किया खारिज, जानें क्‍या बताई वजह

Indian Railways action on Chinese firm रेलवे ने थर्मल कैमरे खरीदने का एक चीनी कंपनी का टेंडर रद कर दिया है। जानें इसके पीछे क्‍या बताई गई है वजह...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 01 Jul 2020 10:09 PM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2020 10:24 PM (IST)
चीनी कंपनी को मिलने वाला थर्मल कैमरों का टेंडर रेलवे ने किया खारिज, जानें क्‍या बताई वजह
चीनी कंपनी को मिलने वाला थर्मल कैमरों का टेंडर रेलवे ने किया खारिज, जानें क्‍या बताई वजह

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में चीनी उत्पादों और कारोबारी करारों के खिलाफ माहौल के बीच रेलवे ने थर्मल कैमरे खरीदने का एक चीनी कंपनी का टेंडर रद कर दिया है। रेल विभाग ने यह फैसला तब लिया जब उन्हें यह जानकारी मिली कि उस टेंडर के तहत उपकरणों की जरूरत और विशेषताएं एक चीनी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए दी गई हो सकती हैं। सूत्रों के अनुसार रेलवे की पीएसयू रेलटेल की ओर से करीब एक महीने पहले जारी टेंडर में 800 ऐसे कैमरों की जरूरत बताई गई थी जोकि एआइ आधारित थर्मल कैमरे हों जो व्यक्ति के तापमान के आधार पर उसके संक्रमण की जांच कर लें और यह भी बता दें कि उस व्यक्ति ने मास्क पहना है या नहीं।

रेलटेल के एक प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने इस मांग के लिए अपनी रुचि के हिसाब से जरूरतें बताई थीं। उन्हें कई वेंडरों के विकल्प मिले जो समाधान कर सकते हैं। इसलिए हमने व्यापक भागीदारी और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए चीनी कंपनी के टेंडर को रद कर दिया है। अब हम नया टेंडर जारी करने जा रहे हैं।

सूत्रों ने हालांकि यह भी बताया कि इस टेंडर को तब खारिज किया गया जब कई भारतीय वेंडरों ने रेलटेल को पत्र लिखकर चिंता जताई कि टेंडर में मांगी गई आवश्यकताएं और शर्ते वीडियो सर्विलांस कंपनियों में दुनिया में प्रभुत्व रखने वाली चीनी कंपनी हिकविजन के आधार पर ही जारी किया गया मालूम पड़ता है। कैमरों की शर्तो में निर्माता से डीपिनमाइंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने को कहा गया था। यह तकनीक हिकविजन एनवीआर की विशिष्ट पहचान बताई जाती है। पत्र में कहा गया कि आइपी कैमरा और एनवीआर (नेटवर्क वीडियो रिकार्डर) को रेलटेल की जरूरतों के मुताबिक पूरा किया जा सकता है। जबकि शारीरिक तापमान रीड करने वाले सीसीटीवी कैमरे अब आम हो चुके हैं। पहले वाला टेंडर विगत नौ जून को जारी किया गया था। 

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