भारतीय तटरक्षकों ने पेश की इंसानियत की मिसाल, पाकिस्तानी जहाज के कैप्‍टन की बचाई जान

भारतीय तटरक्षकों ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए एक पाकिस्तानी कारोबारी जहाज के कप्तान की जान बचाई और उसे अपने देश लौटने में मदद की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 17 Aug 2020 11:40 PM (IST) Updated:Tue, 18 Aug 2020 05:35 AM (IST)
भारतीय तटरक्षकों ने पेश की इंसानियत की मिसाल, पाकिस्तानी जहाज के कैप्‍टन की बचाई जान
भारतीय तटरक्षकों ने पेश की इंसानियत की मिसाल, पाकिस्तानी जहाज के कैप्‍टन की बचाई जान

विशाखापत्तनम, एएनआइ। यूं तो पाकिस्‍तान भारतीय जवानों पर हमला करने का कोई मौका नहीं चूकता है लेकिन भारतीय तटरक्षकों ने अपनी दरियाद‍िली से उसे आईना दिखाने का काम किया है। भारतीय तटरक्षकों ने मानवीय पहलू दिखाते हुए पिछले महीने एक पाकिस्तानी कारोबारी जहाज के कप्तान की जान बचाई और उसे ओडिशा में गोपालपुर के रास्ते अपने देश लौटने में मदद की।

दरअसल, साठ वर्षीय पाकिस्तानी कप्तान को दिल का दौरा पड़ा था और उसने आपात संदेश देकर मदद मांगी थी। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के वृद्ध कप्तान बदर हस्नैन की विगत 13 जुलाई को दिल का दौरा पड़ा था, लेकिन अब उनकी हालत स्थिर है और सोमवार को ही उन्हें अटारी-वाघा सीमा के जरिये पाकिस्तान वापस भेज दिया गया है। कप्तान हस्नैन को आपात स्थिति में मानवीय आधार पर मदद दिए जाने पर उनकी बेटी ने भारत सरकार को मानवीय संवेदनाओं और भारतीय डॉक्टरों को चिकित्सकीय सहायता के लिए धन्यवाद कहा है।

भारतीय तटरक्षकों ने हस्नैन की तबियत खराब होने पर चेन्नई स्थित मेरीटाइम रेस्क्यू कोआर्डिनेशन सेंटर पहुंचाया था। पाकिस्तानी जहाज के कप्तान की तबियत बिगड़ने पर उनके जहाज को विशाखापत्तनम की ओर मोड़ दिया गया था। जबकि हस्नैन को अस्पताल में भर्ती कराके तत्काल उनका इलाज तत्काल शुरू कराया गया था।  

आए दिन सीज फायर का उल्‍लंघन करने वाले पाकिस्‍तानी सेना को भारतीय तटरक्षक बल के जवानों से सीखने की जरूरत है कि असल में दयालुता क्‍या होती है। पाकिस्‍तान दुनिया के सामने मानवीय आधार पर भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्‍सेस देने की बात तो करता है लेकिन किसी न किसी बहाने से कदम पीछे खींच लेता है। 

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को प्रताड़‍ित करने वाले पाकिस्‍तान को भारतीय तटरक्षक बल के जवानों से सीखने की जरूरत है कि असल में दयालुता क्‍या होती है। पाकिस्‍तान दुनिया के सामने मानवीय आधार पर जाधव को काउंसलर एक्‍सेस देने की बात तो करता है लेकिन किसी न किसी बहाने से कदम पीछे खींच लेता है। जुलाई 2019 में अपने फैसले में आइसीजे कह चुका है कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराए जाने और सुनाई गई सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिए। इसके अलावा बिना देरी किए भारत को राजनयिक पहुंच की सुविधा देनी चाहिए लेकिन पाकिस्‍तान ऐसा कर नहीं रहा है। 

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