वायुसेना ने दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के 'एयर लॉन्‍च वर्जन' का सफल परीक्षण किया

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (BrahMos) के लड़ाकू विमान से छोड़े जाने वाले संस्‍करण का सफल परीक्षण किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 22 May 2019 05:07 PM (IST) Updated:Wed, 22 May 2019 05:19 PM (IST)
वायुसेना ने दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के 'एयर लॉन्‍च वर्जन' का सफल परीक्षण किया
वायुसेना ने दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के 'एयर लॉन्‍च वर्जन' का सफल परीक्षण किया

नई दिल्‍ली, एएनआइ। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने बुधवार को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (BrahMos) के लड़ाकू विमान से छोड़े जाने वाले संस्‍करण का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमान (Su-30 MKI fighter aircraft) से किया गया। विमान से छोड़े जाने के बाद मिसाइल ने जमीन पर अपने लक्ष्‍य को सफलतापूर्वक नष्‍ट किया। ब्रह्मोस मिसाइल के उक्‍त संस्‍करण को डीआरडीओ (DRDO) ने पूरी तरह स्‍वदेशी तरीके से विकसित किया है। ब्रह्मोस के इस परीक्षण के सफल होते ही भारतीय वायुसेना एक नई मजबूती हासिल कर लेगी। 

बता दें कि पाकिस्‍तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्‍मद के ठिकानों पर एयर स्‍ट्राइक के दौरान भारतीय वायुसेना ने स्‍पाइस-2000 बमों का इस्‍तेमाल किया था। यह हमला मिराज-2000 विमानों के जरिए अंजाम दिया गया था। सूत्रों की मानें तो भारतीय वायुसेना इस मिसाइल के जरिए देश के 150 किलोमीटर अंदर से ही बालाकोट जैसे हमले को अंजाम दे सकेगी। इसके लिए विमानों को सीमा पार करने की भी जरूरत नहीं होगी।

बता दें कि पाकिस्‍तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्‍मद के ठिकानों पर एयर स्‍ट्राइक के दौरान भारतीय वायुसेना ने स्‍पाइस-2000 बमों का इस्‍तेमाल किया था। यह हमला मिराज-2000 विमानों के जरिए अंजाम दिया गया था। ब्रह्मोस मिसाइल को हवा से छोड़े जाने का पहला परीक्षण जुलाई, 2018 में सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमान से बंगाल की खाड़ी के ऊपर किया गया था। 

भारतीय वायुसेना इस 290 किलोमीटर मारक क्षमता वाली मिसाइल को तेजी से लाने के लिए बेहद उत्‍सुक है। ब्रह्मोस मिसाइल दो चरणीय वाहन है। इसमें ठोस प्रोपेलेट बुस्टर तथा एक तरल प्रोपेलेट रैम जैम सिस्टम लगा हुआ है। यह मिसाइल अंडरग्राउंड परमाणु बंकरों, कमांड ऐंड कंट्रोल सेंटर्स और समुद्र के ऊपर उड़ रहे एयरक्राफ्ट्स को दूर से ही ध्‍वस्‍त करने में सक्षम है। 

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