आसियान के विवादों में नहीं पड़ेगा भारत

भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आसियान के सदस्य देशों के आपसी विवादों में शामिल नहीं होगा। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि भारत आसियान के सदस्य देशों के साथ व्यापक सहयोग का हिमायती है, लेकिन वह क्षेत्रीय व समुद्री सीमा से जुड़े विवादों में दखल नहीं देगा।

By Sudhir JhaEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2015 04:19 PM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2015 04:38 PM (IST)
आसियान के विवादों में नहीं पड़ेगा भारत

विशेष विमान से। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आसियान के सदस्य देशों के आपसी विवादों में शामिल नहीं होगा। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि भारत आसियान के सदस्य देशों के साथ व्यापक सहयोग का हिमायती है, लेकिन वह क्षेत्रीय व समुद्री सीमा से जुड़े विवादों में दखल नहीं देगा।

आसियान के सदस्य देशों कंबोडिया और लाओस की चार दिवसीय यात्रा खत्म करने के बाद उपराष्ट्रपति ने यह बात कही। उन्होंने कहा, 'दक्षिण-पूर्व एशिया के प्रति भारत का रुख पूरी तरह स्पष्ट है। दोनो ही पक्ष एक-दूसरे की जरूरतों की संतोषजनक पूर्ति करने पर आधारित व्यापक संबंध स्थापित करना चाहते हैं। ये जरूरतें शांति, स्थायित्व और विकास हैं। शांति और स्थायित्व के अभाव में व्यापार या निवेश संभव नहीं है।' दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देश क्षेत्रीय और समुद्री क्षेत्रों पर दावे को लेकर आमने-सामने हैं।

अंसारी ने कहा कि यदि उनके बीच कोई समस्या हैं तो उससे उन्हें खुद ही निपटना पड़ेगा। आपसी विवाद निपटाने के लिए आसियान के पास पहले से ही सक्षम तंत्र है। आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की वकालत की और कहा कि यह समस्या फलां देश की है और वह फलां देश से बहुत दूर है तो उसमें पड़ने की कोई जरूरत नहीं, इस रवैये से बाहर निकलना होगा।

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