सीआइसीए बैठक में भारत ने पाक को लगाई लताड़, कहा- देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का नहीं है अधिकार

सीआइसीए की वर्चुअल बैठक के दौरान भारत ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं और आगे भी रहेंगे। पड़ोसी देश पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 06:32 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 06:32 PM (IST)
सीआइसीए बैठक में भारत ने पाक को लगाई लताड़, कहा- देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का नहीं है अधिकार
पाक को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

नई दिल्ली, एएनआइ। एशिया में सहभागिता और विश्वास निर्माण उपायों के सम्मेलन (CICA) की वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक में भारत ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई। एशियाई देशों के बीच शांति, सुरक्षा व सहयोग को बढ़ावा देने के लिए गठित फोरम 'SICA' (कांफ्रेंस आन इंटरैक्शन एंड कान्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स इन एशिया) की बैठक में पाक के विदेश मंत्री का रुख बिल्कुल उल्टा था। वहां कश्मीर का मुद्दा जब उन्होंने उठाया तो भारत ने करारा जवाब दिया है। 

भारत ने अपने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए कहा है कि, 'पाकिस्तान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय फोरम का गलत इस्तेमाल किया है और द्विपक्षीय मुद्दों को उठाया है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू व कश्मीर व लद्दाख हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं और आगे भी रहेंगे। पाक को कोई हक नहीं है कि वह भारत के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप करे। SICA  में पाकिस्तान का बयान भारत की संप्रभुता व अखंडता का उल्लंघन है। पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है और भारत में भी आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।'

सार्क देशों की हुई बैठक

वहीं, दूसरी ओर भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने आज दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय संगठन (SARC) देशों की बैठक में हिस्सा लिया। वर्चुअल बैठक के जरिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी शामिल हुए। इस बैठक में कोरोना महामारी से निपटने के लिए सार्क फंड के गठन पर भी बात हुई।

इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी पड़ोसी पहले की नीति को प्राथमिकता देता है। भारत, दक्षिण एशिया को ज्यादा मजबूत जुड़ाव वाला, सुरक्षित और समृद्ध बनाना चाहता है। एस जयशंकर ने बताया कि भारत ने सार्क देशों के अपने पड़ोसियों की मुश्किल वक्त में मदद की है। भारत ने मालदीव को 150 मिलियन डॉलर, भूटान को 200 मिलियन डॉलर और श्रीलंका को 400 मिलियन डॉलर की मदद साल 2020 में दी है।

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