चीन अौर पाक की बोलती बंद करने के लिए भारत बनाएगा 'सुपर सुखोई'

भारत 5वीं जनरेशन के लिए लड़ाकू विमानों और सुखोई जेट (30MKI) को सुपर सुखोई में बदलने के लिए रूस से समझौता करेगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 11 Jul 2016 12:49 PM (IST) Updated:Mon, 11 Jul 2016 02:39 PM (IST)
चीन अौर पाक की बोलती बंद करने के लिए भारत बनाएगा 'सुपर सुखोई'

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के बेड़े में अब जल्द ही 'सुपर सुखोई' शामिल होगा। भारत रूस के साथ इस रुके हुए प्रोजेक्ट पर बातचीत आगे बढ़ाने की तैयारी में है। इसके तहत भारत 5वीं जनरेशन के लिए लड़ाकू विमानों और सुखोई जेट (30MKI) को सुपर सुखोई में बदलने के लिए रूस से समझौता करेगा।

दूसरी ओर, भारत और फ्रांस के बीच अब जल्द ही गोलीबारी करने वाले 36 जेट के लिए करीब 7.8 बिलियन यूरो की डील करने जा रहा है, लेकिन रक्षा मंत्रालय का मानना है कि देश की अभेद्य सुरक्षा के लिए 36 लड़ाकू विमान काफी नहीं हैं। भारतीय वायुसेना के पास अभी 33 लड़ाकू विमान हैं, जबकि इनमें से 11 बहुत पुराने हो चुके हैं । मिग-21 और मिग-27 अब दस्ते से रिटायर होने के कगार पर हैं।

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मेड इन इंडिया टैग के साथ लॉन्च होंगे विमान
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, ऐसे में हमें चीन और पाकिस्तान का माकूल जवाब देने के लिए कम से कम 42 लड़ाकू विमानों की जरूरत है। हिंदुस्तान आसमान में अपनी क्षमता बढ़ाने को लेकर लगातार प्रयास कर रहा है। तेजस के बाद अब देश में दूसरे लड़ाकू विमानों को भी लॉन्च करने की तैयारी है। इसमें अमेरिकन एफ ए-18 और एफ-16 के साथ ही स्वीडिश ग्रिपन ई को भारत में बनाने की तैयारी है। यानी अब इन्हें मेड इन इंडिया टैग के साथ लॉन्च किया जाएगा।

2007 में हुआ था सौदा
अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस समय भारत लड़ाकू विमानों की तकनीक और कीमत संबंधी मुद्दों से निपटने की तैयारी कर रहा है। रूस भी भारतीय वायुसेना के पायलट को प्रोटोटाइप उड़ाने की अनुमति देने को तैयार है। भारत और रूस के बीच सबसे पहले 2007 में लड़ाकू विमानों की शुरुआती डिजाइन के लिए 295 मिलियन डॉलर का सौदा हुआ था। बाद में इसे 2010 के लिए बढ़ा दिया गया था।

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