विश्व के लिए अपरिहार्य भारत

दुनिया के ज्यादातर बड़े देशों में अर्थव्यवस्था सुस्त हुई पर भारत दो तिमाही से 7.5% से ज्यादा ग्रोथ दर्ज कर रहा है। चीन का रियल एस्टेट सेक्टर इकोनॉमी को पीछे खींच रहा है तो भारत में रिकॉर्ड बिक्री हुई। टफ्ट्स यूनिवर्सिटी ने एआई में भारत को शीर्ष 15 देशों में रखते हुए कहा है कि इसके एआई में आगे बढ़ने की संभावना सबसे अधिक है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Mon, 15 Jan 2024 06:49 PM (IST) Updated:Mon, 15 Jan 2024 06:49 PM (IST)
विश्व के लिए अपरिहार्य भारत
भारत 2024 में दुनिया की प्रमुख धुरी के तौर पर उभरेगा

 धरती के पूर्व में फिर लालिमा है। विकास चक्र की धुरी पश्चिम से पूर्व की तरफ सरक रही है। भारत इसके केंद्र में है, यहां संभावनाओं का सूर्योदय हो रहा है। साल 2023 ने भारत के नाम कई उपलब्धियां लिखी हैं। चांद के अनछुए दक्षिणी छोर पर पहुंच और सूर्य की परिक्रमा करने वाला उपग्रह स्थापित कर हमने अंतरिक्ष विज्ञान में अपनी महारत दिखाई, तो विषम जी-20 परिस्थितियों में महाशक्तियों को साझा प्लेटफॉर्म पर लाकर कूटनीतिक कौशल का भी परिचय दिया। तमाम विशेषज्ञ जब कह रहे हैं कि अगले कई वर्षों तक भारत विश्व अर्थव्यवस्था की दिशा तय करेगा, तो इसके पीछे ठोस कारण हैं।

दुनिया के ज्यादातर बड़े देशों में अर्थव्यवस्था सुस्त हुई, पर भारत दो तिमाही से 7.5% से ज्यादा ग्रोथ दर्ज कर रहा है। चीन का रियल एस्टेट सेक्टर इकोनॉमी को पीछे खींच रहा है, तो भारत में रिकॉर्ड बिक्री हुई। टफ्ट्स यूनिवर्सिटी ने एआई में भारत को शीर्ष 15 देशों में रखते हुए कहा है कि इसके एआई में आगे बढ़ने की संभावना सबसे अधिक है। ‘चिप वॉर’ के लेखक क्रिस मिलर के अनुसार भारत में मौजूद हजारों चिप डिजाइनर यहां की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए एडवांटेज हैं। अनेक देश भारत की डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन करना चाहते हैं। भारत अभी करीब 85 देशों को रक्षा निर्यात कर रहा है, अगले वर्ष डिफेंस कॉरिडोर शुरू होने पर 100 से ज्यादा देशों को निर्यात करने लगेगा। दुनिया का 60% वैक्सीन बनाने वाले भारत में गर्भाशय कैंसर की वैक्सीन आ चुकी है तथा डेंगू की संभावित है। विशाल आबादी और बढ़ती क्रयशक्ति के कारण भारत ऐसा बाजार बन चुका है जिसकी अनदेखी दुनिया के किसी भी देश के लिए भारी पड़ेगी।

भविष्य की चुनौतियों को पहचान कर आगे बढ़ने की राह चुनना भी उतना ही जरूरी है। जेनरेटिव एआई की क्षमता की एक झलक हम 2023 में देख चुके हैं, आगे हम इसकी बदौलत अनेक अकल्पनीय चीजें देख सकते हैं। जेनरेटिव एआई के साथ मिसइन्फॉर्मेशन की चुनौती भी गंभीर हो गई है। लाइफ स्टाइल डिजीज और कुपोषण में भारत सबसे आगे है। संतुलित विकास के साथ अर्थ, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्र में असमानता दूर करने की जरूरत भारत ही नहीं, पूरे विश्व में है। आइए, नए साल में हम इन चुनौतियों पर विजय पाने का संकल्प लें। शुभकामनाओं के साथ...।

(यह लेख जागरण प्राइम के दिसंबर, 2023 अंक की मैगजीन में प्रकाशित है)

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