विदेश मंत्री जयशंकर की बेहद खास होने वाली है अमेरिका यात्रा, जानें- क्‍या है इस दौरे की अहम बात

विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले सप्‍ताह अमेरिका के चार दिवसीय दौरे पर जाने वाले हैं। कोरोना से लड़ाई के लिए ये दौरा बेहद खास है। अमेरिका से आने वाले कच्‍चे माल की सप्‍लाई को सुनिश्चित करना इस दौरे का सबसे बड़ा मकसद है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Fri, 21 May 2021 08:15 PM (IST) Updated:Fri, 21 May 2021 08:15 PM (IST)
विदेश मंत्री जयशंकर की बेहद खास होने वाली है अमेरिका यात्रा, जानें- क्‍या है इस दौरे की अहम बात
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर जाएंगे अमेरिका

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। कोरोना की दूसरी लहर से त्रस्त भारत को अमेरिका से भरपूर मदद मिल रही है लेकिन इस लड़ाई में भारत को जिस चीज (वैक्सीन व इसके लिए कच्चे माल) की सबसे ज्यादा जरूरत है। उसे देने को लेकर स्थिति खास स्पष्ट नहीं हो पा रही है। अगले हफ्ते विदेश मंत्री एस. जयशंकर जब वाशिंगटन में बाइडन प्रशासन के आला अधिकारियों से मिलेंगे तो कोविड वैक्सीन की आपूर्ति से जुड़े मुद्दे पर बातचीत प्राथमिकता में होगी। जयशंकर सोमवार (24 मई) से अमेरिका की पांच दिवसीय यात्रा पर होंगे। अमेरिका में सत्ता बदलने के बाद किसी भी भारतीय मंत्री की यह पहली अमेरिका यात्रा होगी। जयशंकर की अमेरिका में निजी उद्यमियों और सरकारी प्रतिनिधियों के साथ नए सप्लाई चेन व्यवस्था को लेकर भी बात होगी।

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी संक्षिप्त बयान में कहा गया, '24-28 मई के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका की यात्रा पर होंगे। न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरस से उनकी मुलाकात संभव है। वाशिंगटन में जयशंकर अपने समकक्ष एंटोनी ब्लिंकेन के साथ चर्चा करेंगे। वहां उनकी दूसरे कैबिनेट मंत्रियों और द्विपक्षीय रिश्तों को देख रहे दूसरे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से भी मुलाकात होगी। विदेश मंत्री की भारत व अमेरिका के बीच आर्थिक व कोविड संबंधी सहयोग को लेकर भी बिजनेस फोरम के साथ मुलाकात होगी।'

हाल ही में समूह-सात देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में जयशंकर की ब्लिंंकेन के साथ द्विपक्षीय रिश्तों पर वार्ता हुई थी। उसमें द्विपक्षीय रिश्तों के तमाम पहलुओं पर चर्चा हुई थी। यही वजह है कि जयशंकर की कुछ ही दिनों के अंतराल पर अमेरिका जाने को कोविड वैक्सीन के सहयोग के संदर्भ में देखा जा रहा है।

कोरोना की दूसरी लहर ने भारत को काफी ज्यादा प्रभावित किया है। तमाम तैयारियों के बावजूद में भारत में वैक्सीन की जबरदस्त कमी है। भारत अमेरिका से वैक्सीन के साथ ही वैक्सीन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की मांग कर चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस तक ने भारत की स्थिति को गंभीर बताते हुए हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है। अभी तक अमेरिका से सात जहाज चिकित्सा सामग्री, आक्सीजन, दवाएं आ चुकी हैं। हालांकि कच्चे माल को लेकर अमेरिका बहुत दरियादिली नहीं दिखा रहा है। अभी तक सिर्फ 20 लाख कोविशील्ड डोज बनाने के लिए कच्चा माल देने की घोषणा की गई है। हाल ही में अमेरिका ने कहा कि वह जुलाई, 2021 तक दुनिया को कुल आठ करोड़ वैक्सीन की आपूर्ति करेगा। इसका एक बड़ा हिस्सा भारत आ सकता है।

भारतीय कंपनियों के लिए बड़ी समस्या यह है कि उन्हें विदेश से कच्चे माल लेने में भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने एक दिन पहले कहा था कि कोविड-19 की वैक्सीन भारत में बनाने को लेकर हमारे अधिकारी अमेरिकी पक्ष के साथ संपर्क में हैं। कोशिश यह भी है कि अमेरिकी वैक्सीन का निर्माण भारत में हो। अमेरिकी कंपनी जानसन एंड जानसन ने कहा है कि वह भारत में वैक्सीन बनाएगी। लेकिन दूसरी अमेरिकी कंपनियों मॉडर्ना और फाइजर की तरफ से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। अमेरिकी सरकार ने वहां डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट लगा रखा है जिसकी वजह से कोरोना में इस्तेमाल होने वाली चिकित्सा सामग्रियों का निर्यात वगैरह सरकारी मंजूरी के बिना प्रतिबंधित है।

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