भारत और अमेरिका ने रक्षा प्रौद्योगिकी में सहयोग को विस्तार देने का लिया संकल्प
भारत और अमेरिका के बीच तेजी से मजबूत हो रहे सामरिक संबंधों के तहत दोनों देशों ने कई विशिष्ट परियोजनाओं की विस्तृत योजना बनाकर और उनमें उल्लेखनीय प्रगति करके रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग को और सुदृढ़ करने का संकल्प लिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और अमेरिका के बीच तेजी से मजबूत हो रहे सामरिक संबंधों के तहत दोनों देशों ने कई विशिष्ट परियोजनाओं की विस्तृत योजना बनाकर और उनमें उल्लेखनीय प्रगति करके रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग को और सुदृढ़ करने का संकल्प लिया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। दोनों देशों ने रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डीटीटीआइ) की रूपरेखा के अनुरूप वायु प्रणालियों पर संयुक्त कार्य समूह के तहत हवाई क्षेत्र से प्रक्षेपित किए जा सकने वाले एक मानव रहित यान (एएलयूएवी) को विकसित करने के लिए एक समझौता किया है। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को डिजिटल माध्यम से हुई डीटीटीआई समूह की 11वीं बैठक में रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। इस बैठक की सह-अध्यक्षता सचिव (रक्षा उत्पादन) राज कुमार और अमेरिकी रक्षा मंत्रालय में 'एक्विजिशन एंड सस्टेनेबिलिटी' (अधिग्रहण एवं निरंतरता) रक्षा मंत्री ग्रेगरी कौसनेर ने की।
अमेरिका बना आइएसए का 101वां सदस्य
अमेरिका सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने में जुटे इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आइएसए) का नया सदस्य बन गया है। ग्लासगो में चल रही काप-26 बैठक के दौरान अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जान केरी ने इससे संबंधित फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान भारत के वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी उपस्थित थे।अमेरिका आइएसए का 101वां सदस्य होगा। आइएसए का मुख्यालय गुरुग्राम में है और कुछ हफ्ते पहले ही इसकी सालाना आम सभा हुई है। जिस तरह से पूरी दुनिया में प्रदूषण के खिलाफ मुहिम शुरू हुई है उस देखते हुए आइएसए की अहमियत आने वाले दिनों में और बढ़ने की संभावना है।
वन व पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से जारी सूचना के मुताबिक अमेरिका के आइएसए के नए सदस्य के तौर पर शामिल होने का स्वागत करते हुए वन व पर्यावरण मंत्री यादव ने कहा है कि दुनिया को स्वच्छ ऊर्जा दिलाने की मुहिम को और ताकत मिलेगी।