1901 के बाद से आठवां सबसे गर्म साल रहा 2020, खराब मौसम के चलते देश में पिछले साल हुईं 1500 से ज्यादा मौतें

साल 1901 से देश के आधार पर तापमान को दर्ज किया जाना शुरू किया गया था। 2016 में पृथ्वी की सतह का औसत तापमान सामान्य से 0.71 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। इसी तरह 2009 (0.55 डिग्री सेल्सियस) में दर्ज किया गया।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Mon, 04 Jan 2021 11:01 PM (IST) Updated:Mon, 04 Jan 2021 11:03 PM (IST)
1901 के बाद से आठवां सबसे गर्म साल रहा 2020, खराब मौसम के चलते देश में पिछले साल हुईं 1500 से ज्यादा मौतें
पिछले साल पृथ्वी की सतह का औसत तापमान सामान्य से 0.29 डिग्री सेल्यिस अधिक बना रहा।

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को कहा कि 1901 के बाद से 2020 आठवां सबसे गर्म वर्ष रहा। हालांकि, 2016 की तुलना में पिछले साल औसत तापमान कुछ कम रहा। 2016 सबसे गर्म साल था।

भारत की जलवायु से जुड़े एक बयान में मौसम विभाग ने कहा कि पिछले साल पृथ्वी की सतह का औसत तापमान सामान्य से 0.29 डिग्री सेल्यिस अधिक बना रहा।

2016 में पृथ्वी की सतह का औसत तापमान सामान्य से 0.71 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा

साल 1901 से देश के आधार पर तापमान को दर्ज किया जाना शुरू किया गया था। 2016 में पृथ्वी की सतह का औसत तापमान सामान्य से 0.71 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। इसी तरह 2009 (0.55 डिग्री सेल्सियस), 2017 (0.541 डिग्री सेल्सियस), 2010 (0.539 डिग्री सेल्सियस) और 2015 (0.55 डिग्री सेल्सियस) भी सामान्य से अधिक तापमान के साथ गर्म रहे। आइएमडी के डाटा के मुताबिक 1901 से 15 में से 12 सबसे गर्म साल 2006 से 2020 के बीच ही रहे।

खराब मौसम के चलते पिछले साल 1,565 मौतें हुईं

मौसम विभाग के मुताबिक अत्यधिक खराब मौसम के चलते पिछले साल 1,565 लोगों की मौत हुई। इनमें 815 मौतें बाढ़, बारिश और आकाशीय बिजली के चलते हुईं। बिहार में सबसे ज्यादा 379 लोगों की जान बाढ़, तेज बारिश, आकाशीय बिजली और शीतलहर के चलते गई। इन्हीं वजहों से उत्तर प्रदेश में 356 लोगों की मौत हुई। मौसम विभाग के मुताबिक मौतों की संख्या मीडिया रिपोर्ट पर आधारित है।

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