Positive India: आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्रों ने दान किए 2 मिलियन डॉलर, ग्रेटर चेन्नई निगम को मिले 200 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्रों ने पांच लीटर की क्षमता वाले 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तेलंगाना सरकार को भी सौंपे है। इसके अलावा आईआईटी मद्रास ने एक छात्रों और फैकल्टी के लिए एक कोविड रिलीफ फंड बनाया है जिसका मकसद चिकित्सीय सुविधा के लिए छात्रों को फंड मुहैया कराना है।

By Vineet SharanEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 08:52 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 08:53 AM (IST)
Positive India: आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्रों ने दान किए 2 मिलियन  डॉलर, ग्रेटर चेन्नई निगम को मिले 200 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
2020 में भी आईआईटी के पूर्व छात्रों ने कोरोना से राहत दिलाने के लिए 96 लाख की मदद जुटाई थी।

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। कोरोना से लड़ाई में आईआईटी हर तरीके से अपना योगदान दे रहे हैं। एक तरफ जहां आईआईटी संस्थान नए इनोवेशन के द्वारा कोरोना से जंग को मजबूती प्रदान कर रहे हैं तो दूसरी तरफ आर्थिक सहायता से भी लोगों को संबल और सहायता प्रदान कर रहे हैं। इसी क्रम में आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्रों की अहम भूमिका सामने आई है। काबिले गौर बात यह है कि देश के साथ-साथ सात समंदर पार बैठे आईआईटी के पूर्व छात्रों ने भरपूर मदद की है।

आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्रों ने संस्थान को कुल 2 मिलियन डॉलर की सहायता राशि एकत्र कर दी है। आईआईटी मद्रास के अनुसार संस्थान दान से प्राप्त रकम से खरीदे गए 200 से अधिक ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर पहले ही ग्रेटर चेन्नई निगम को सौंप चुका है। इसके अलावा आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्रों ने पांच लीटर की क्षमता वाले 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तेलंगाना सरकार को भी सौंपे है। इसके अलावा आईआईटी मद्रास ने एक छात्रों और फैकल्टी के लिए एक कोविड रिलीफ फंड बनाया है जिसका मकसद परेशानी या चिकित्सीय सुविधा के लिए छात्रों को फंड मुहैया कराना है। साल 2020 में भी आईआईटी के पूर्व छात्रों ने कोरोना से राहत दिलाने के लिए 96 लाख रुपये की मदद जुटाई थी।

सिलिकॉन वैली में रॉकेटसिप वीसी फर्म चलाने वाले आनंद राजारमन का कहना है कि इस मुश्किल में देश के साथ खड़े रहना हमारी जिम्मेदारी है। मैं चेन्नई में पला-बड़ा हूं। ऐसे में चेन्नई और तमिलनाडु के लोगों की मदद के लिए आगे आना मेरा नैतिक कर्तव्य था।

आईआईटी मद्रास-अमेरिका फाउंडेशन के चेयरमैन कमल डुग्गीराला का कहना था कि यह वास्तव में एक भावनात्मक अनुभव था। कई लोग मिलकर एक बेहतरीन काम के लिए साथ जुड़े थे। ऐसे में हमारे लिए एक सुकून की बात है कि हमने इसमें कुछ सार्थक योगदान दिया।

आईआईटी मद्रास में डीन (पूर्व छात्र एवं कॉरपोरेट संबंध) महेश पंचगनुला ने कहा कि कोविड राहत राशि जुटाने के लिए आईआईटी मद्रास एलुमनी एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका और आईआईटीएम फाउंडेशन अमेरिका की भी मदद ली गई।

तकनीक के स्तर पर बात करें तो आईआईटी मद्रास ने कई शानदार काम किए हैं। आईआईटी मद्रास ने एक पोर्टेबल हॉस्पिल यूनिट बनाई है जिसे कुछ घंटों में कहीं भी इंस्टाल किया जा सकता है। इसके अलावा मेडिकैब के द्वारा कोरोना मरीजों को स्क्रीन, आईसोलेट करना और पहचानना आसान हुआ है। मेडिकैब को वायनाड, केरल आदि में लगाया भी गया है। 

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