बाइक पर बच्चा भी सवार तो स्पीड न करें 40 के पार, जानें- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का प्रस्ताव

बच्चों की सुरक्षा के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अहम पहल की है। मंत्रालय ने प्रस्ताव किया है कि अगर किसी बाइक यानी मोटरसाइकिल पर पीछे चार साल से कम उम्र का बच्चा बैठा हो तो उसकी स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 09:41 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 10:56 PM (IST)
बाइक पर बच्चा भी सवार तो स्पीड न करें 40 के पार, जानें- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का प्रस्ताव
बाइक पर बच्चा भी सवार तो स्पीड न करें 40 के पार

नई दिल्ली, जेएनएन। बच्चों की सुरक्षा के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अहम पहल की है। मंत्रालय ने प्रस्ताव किया है कि अगर किसी बाइक यानी मोटरसाइकिल पर पीछे चार साल से कम उम्र का बच्चा बैठा हो तो उसकी स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। मंत्रालय ने इसको लेकर एक मसौदा नियम जारी किया है।

चार साल से कम उम्र के बच्चों को दोपहिया पर बिठाने पर पहनाना होगा हेलमेट

इसके मुताबिक मोटरसाइकिल चलाने वालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नौ महीने से चार साल की उम्र तक का बच्चा अगर पीछे बैठा है तो वह क्रैश हेलमेट पहना हो। यही नहीं, चार साल से कम उम्र के बच्चे को मोटरसाइकिल के चालक से जोड़ने के लिए सेफ्टी हार्नेस का इस्तेमाल करना होगा। सेफ्टी हार्नेस की मदद से बच्चे का ऊपरी धड़ चालक से सुरक्षित रूप से जुड़ा होगा।

मंत्रालय ने आमंत्रित की आपत्तियां

मसौदा नियम के मुताबिक सेफ्टी हार्नेस समेत सुरक्षा संबंधी सभी उपकरण हल्के और टिकाऊ होने चाहिए। सेफ्टी हार्नेस को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि वो 30 किलो तक का भार वहन कर सके। सुरक्षा उपकरण आसानी से उपयोग करने लायक और पानी से बचाव करने वाले भी होने चाहिए। मंत्रालय ने मसौदा नियमों पर सभी हितधारकों से आपत्तियां भी आमंत्रित की है।

नियम के लागू होने से आएगी दुर्घटनाओं में कमी

सड़क यातायात को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए काम करने वाली इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आइआरएफ) ने मंत्रालय के बच्चों के साथ 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के प्रस्ताव का स्वागत किया है। आइआरएफ के मानद प्रेसिडेंट केके कपिल ने कहा है कि मध्य वर्ग के परिवार के लिए दोपहिया वाहन रोजमर्रा यातायात का अहम साधन है। उन्होंने कहा कि नए नियमों को सख्ती के साथ लागू किया जाता है तो निश्चित रूप से दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

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