लॉकडाउन के बाद हैदराबाद में खुले स्कूल, सुरक्षा का रखा जा रहा विशेष ध्यान

हैदराबाद में राज भवन सरकारी स्कूल की हेडमिस्ट्रेस करुणा श्री ने कहा कि छात्रों को ऑनलाइन या ऑफलाइन कक्षा में भाग लेने का विकल्प दिया गया है और माता-पिता को इसके बारे में सूचित भी कर दिया गया है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 08:30 AM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 08:30 AM (IST)
लॉकडाउन के बाद हैदराबाद में खुले स्कूल, सुरक्षा का रखा जा रहा विशेष ध्यान
लॉकडाउन के बाद हैदराबाद में खुले स्कूल (एएनआइ)

हैदराबाद, एएनआइ। देश भर में लकडाउन के बाद सोमवार को सभी सुरक्षा सावधानियों के साथ हैदराबाद के सरकारी स्कूलों को फिर से खोल दिया गया। इस दौरान छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए काफी एहतियात बरते जा रहे हैं।

एएनआइ से बात करते हुए हैदराबाद में राज भवन सरकारी स्कूल की हेडमिस्ट्रेस करुणा श्री ने कहा, "आज से हम हाई स्कूल के छात्रों को तेलंगाना सरकार और केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के तहत स्कूल आने की अनुमति दे रहे हैं।" उन्होंने कहा कि छात्रों को ऑनलाइन या ऑफलाइन कक्षा में भाग लेने का विकल्प दिया गया है और माता-पिता को इसके बारे में सूचित भी कर दिया गया है।

"अगर छात्र ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने के बाद किसी भी तरह की शंका रहते हैं, तो वे स्कूल ऑफलाइन क्लासेस ले सकते हैं, बशर्ते कि वे अपना स्वयं का सैनिटाइजर और फेस मास्क ले जाएं। हमने स्कूल में एक सैनिटाइजर भी स्थापित किया है। छात्रों और अभिभावकों को इसे लेकर हस्ताक्षर करना चाहिए कि उनके वार्ड में कोविड​​-19 के कोई लक्षण नहीं हैं और वे खुद की उचित देखभाल करेंगे।”

हेडमिस्ट्रेस ने कहा कि हालांकि पहले दिन कम छात्र स्कूल गए, लेकिन प्रशासन को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इनकी गिनती में इजाफा होगा।

गौरतलब है कि अनलॉक-4 में केंद्र सरकार की तरफ से छूट मिलने के बाद सोमवार से कई राज्यों में स्कूल फिर से खुल गए हैं। हालांकि ज्यादातर राज्यों ने कोरोना संक्रमण के बीच स्कूल खोलने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। फिलहाल राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और आंध्र प्रदेश ने स्कूलों को अंशिक रूप से खोला है। इस दौरान सिर्फ नौंवी से 12वीं तक के छात्रों को ही स्कूल आने की अनुमति दी गई है। हालांकि स्‍कूलों में शारीरिक दूरी का पालन, थर्मल चेकिंग, सैनिटाजेशन समेत कई इंतजाम के बावजूद भी अभिभावक बच्चों को भेजने पर सहमत नहीं हैं।

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