ऊंची अदालतों में जजों के खाली पद भरने की कवायद हुई तेज

ऊंची अदालतों में न्यायाधीशों की कमी को पूरा करने के लिए शीर्ष स्तर पर कवायद शुरू हो चुकी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 09 Nov 2018 09:47 PM (IST) Updated:Fri, 09 Nov 2018 09:47 PM (IST)
ऊंची अदालतों में जजों के खाली पद भरने की कवायद हुई तेज
ऊंची अदालतों में जजों के खाली पद भरने की कवायद हुई तेज

 नई दिल्ली, प्रेट्र। ऊंची अदालतों में न्यायाधीशों की कमी को पूरा करने के लिए शीर्ष स्तर पर कवायद शुरू हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने के महीने भर के भीतर जस्टिस रंजन गोगोई ने कोलेजियम की छह बैठकें कर डाली हैं।

इन बैठकों के जरिये विभिन्न हाई कोर्ट के लिए 29 न्यायाधीशों और सुप्रीम कोर्ट के लिए चार न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। देश के हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति कोलेजियम की संस्तुति पर की जाती है। इस संस्तुति को स्वीकृत कर केंद्र सरकार न्यायाधीशों की नियुक्ति करती है।

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कोलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एसए बोबडे शामिल हैं। 30 अक्टूबर को हुई कोलेजियम की बैठक में मध्य प्रदेश, पटना, गुजरात और त्रिपुरा हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए नामों की संस्तुति की गई। इन संस्तुतियों को 48 घंटे में स्वीकृत कर केंद्र सरकार ने भी अपनी तरफ से ऐतिहासिक पहल की।
जस्टिस गोगोई तीन अक्टूबर को पदभार ग्रहण किया है, उनका कार्यकाल 17 नवंबर 2019 तक रहेगा। पदभार ग्रहण करने के बाद जस्टिस गोगोई ने नौ अक्टूबर को पहली बैठक की। इस बैठक में कर्नाटक, केरल, मद्रास हाई कोर्ट के लिए न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए संस्तुतियां की गईं।
उसी दिन एक और बैठक करके कोलेजियम ने सिक्किम, कलकत्ता, गुवाहाटी, उत्तराखंड और बांबे हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीशों के लिए नामों की संस्तुति की। इसके बाद 24 अक्टूबर को कोलेजियम की तीसरी बैठक हुई। इसमें 15 जजों की नियुक्ति संबंधी फैसले लिए गए।

chat bot
आपका साथी