बारिश से शहर और गांव हुए जलमग्न, पर नहीं भरे जलाशय; दस सालों के औसत से भी कम है जल स्तर

उत्तरी क्षेत्र के राज्यों हिमाचल प्रदेश पंजाब और राजस्थान में कुल आठ जलाशय हैं जिनकी निगरानी केंद्रीय जल आयोग करता है। इनमें हिमाचल के तीन बांधों में केवल 7.44 बीसीएम पानी भरा जबकि पिछले साल इसी अवधि तक 9.38 बीसीएम भर गया था।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 08:01 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 08:05 PM (IST)
बारिश से शहर और गांव हुए जलमग्न, पर नहीं भरे जलाशय; दस सालों के औसत से भी कम है जल स्तर
23 राज्यों में सामान्य, पांच राज्यों में औसत से अधिक हुई बारिश

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है कि वर्तमान मानसून ने जब कई जगह तबाही ला दी, कई शहर और गांव जलमग्न हो गए, कई राज्यों में लोग त्राहि-त्राहि करने लगे, विभिन्न नदियों का जल स्तर खतरनाक की स्थिति तक पहुंच गया, इसके बावजूद बड़े बांधों और जलाशयों का जल स्तर पिछले वर्ष के औसत से नीचे है। उत्तरी क्षेत्र, मध्य, पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र के जलाशय नहीं भर पाए हैं। इससे आने वाले दिनों में बिजली उत्पादन के साथ सिंचाई के पानी की कमी हो सकती है। चालू मानसून सीजन अपने अंतिम चरण में है। मानसून की विदाई अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगी। पिछले सप्ताह तक हुई बारिश के मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 23 राज्यों में सामान्य और पांच राज्यों में औसत से अधिक बरसात हुई।

आंकड़ों के मुताबिक, मानसून समय से पहले पहुंच गया और पूरे देश पर छा गया था, लेकिन जुलाई के दूसरे पखवाड़े में कम बारिश हुई। अगस्त माह में अलग-अलग हिस्सों में अच्छी बारिश हुई। नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। राष्ट्रीय स्तर पर मात्र तीन फीसद कम बारिश हुई। दक्षिणी राज्यों में सामान्य से नौ फीसद अधिक, जबकि मध्य भारत में मात्र एक फीसद कम बारिश हुई। इसके बावजूद देश के जलाशयों और प्रमुख बांधों में पानी नहीं भर सका।

अखिल भारतीय स्तर पर कुल 130 प्रमुख बड़े बांधों और जलाशयों की साप्ताहिक निगरानी की जाती है। इनमें 44 बांधों से बिजली का उत्पादन होता है। इनकी 60 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। 130 बांधों व जलाशयों की कुल स्थापित भंडारण क्षमता 257.912 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है जबकि इन बांधों की कुल लाइव भंडारण क्षमता 171.958 बीसीएम है। 23 सितंबर को जारी बुलेटिन के मुताबिक, इन बांधों में कुल 133.185 बीसीएम पानी भरा, जो कुल लाइव भंडारण क्षमता का 77 फीसद है। पिछले साल इसी अवधि तक इन बांधों में कुल 148.82 बीसीएम जल भर गया था।

हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में कुल आठ जलाशय

उत्तरी क्षेत्र के राज्यों हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में कुल आठ जलाशय हैं, जिनकी निगरानी केंद्रीय जल आयोग करता है। इनमें हिमाचल के तीन बांधों में केवल 7.44 बीसीएम पानी भरा, जबकि पिछले साल इसी अवधि तक 9.38 बीसीएम भर गया था। इन बांधों में दस सालों का औसत 10.61 बीसीएम पानी है। एक दशक के औसत के मुकाबले तीस फीसद कम पानी भरा। पंजाब के एकमात्र बांध में पिछले साल से कम पानी होने के साथ एक दशक के औसत के मुकाबले 41 फीसद कम पानी भरा। राजस्थान के चार बांधों का भी जलस्तर कमोबेश यही है।

झारखंड के छह बांधों में भी पिछले साल के मुकाबले कम जल

पूर्वी क्षेत्र में झारखंड के छह, ओडिशा के दस, बंगाल के दो, त्रिपुरा के एक और नगालैंड के एक को मिलाकर कुल 20 बांध हैं। इन सभी बांधों में कुल 14.02 बीसीएम पानी भरा, जो पिछले साल के 15.28 बीसीएम और एक दशक के औसत 15.30 बीसीएम के मुकाबले कम है। पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात के 17 और महाराष्ट्र के 25 बांधों व जलाशयों में भी पिछले साल के 33.19 बीसीएम के मुकाबले चालू सीजन में 25.79 बीसीएम भंडार हुआ। महाराष्ट्र के बांधों का जल स्तर सामान्य है, जबकि गुजरात के बांधों में आठ फीसद कम पानी है।

उप्र के आठ और उत्तराखंड के दो बांधों का जल स्तर सामान्य

मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुल 23 बांधों व जलाशयों में कुल 35.56 बीसीएम जल है जबकि पिछले साल इसी अवधि तक इन बांधों में 39.79 बीसीएम भर गया था। इन बांधों में एक दशक का औसत जल स्तर 37.57 बीसीएम है। यूपी के आठ और उत्तराखंड के दो बांधों का जल स्तर सामान्य है। हालांकि दक्षिणी राज्यों के कुल 37 बांधों का जल स्तर सामान्य से बेहतर है।

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