अदालत ने तीस्ता सीतलवाड़ और आरबी श्रीकुमार को न्यायिक हिरासत में भेजा, दोनों पर ये हैं आरोप

गुजरात पुलिस (Gujarat Police in 2002 riots case) ने शनिवार को आरोपी तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) और आरबी श्रीकुमार (RB Sreekumar) मेट्रोपालिटन कोर्ट में पेश किया। अदालत ने तीस्ता सीतलवाड़ और आरबी श्रीकुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 02 Jul 2022 04:16 PM (IST) Updated:Sat, 02 Jul 2022 04:35 PM (IST)
अदालत ने तीस्ता सीतलवाड़ और आरबी श्रीकुमार को न्यायिक हिरासत में भेजा, दोनों पर ये हैं आरोप
2002 Gujarat riots case: तीस्ता सीतलवाड़ और आरबी श्रीकुमार को न्‍यायिक हिरासत में भेजा गया है।

राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गुजरात दंगों के बाद फर्जी दस्तावेज व शपथपत्र बनाकर सनसनी फैलाने केआरोप में गिरफ्तार तीस्ता सीतलवाड़ व पूर्व आइपीएस अफसर आरबी श्रीकुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अहमदाबाद अपराध शाखा ने शनिवार को तीस्ता सीतलवाड़ और आरबी श्रीकुमार को स्थानीय अदालत में पेश कर रिमांड की मांग की, लेकिन अदालत ने रिमांड की मांग को ठुकराते हुए दोनों आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

अपराध शाखा और रिमांड चाहती थी, जिसके जवाब में तीस्ता ने जांच एजेंसी पर महज सात से आठ घंटे ही पूछताछ करने व शेष समय व्यर्थ में गंवाने का आरोप लगाया। तीस्ता व श्रीकुमार को विगत दिनों गिरफ्तार किया गया था। मुंबई में एनजीओ चलाने वाली तीस्ता व श्रीकुमार पर दंगों के बाद गुजरात सरकार व तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने के इरादे से दंगा पीडि़तों के फर्जी शपथपत्र व अन्य दस्तावेज तैयार कराने सहित अदालती प्रक्रिया को गुमराह करने का आरोप है।

तीस्ता, श्रीकुमार और भट्ट पर आरोप 

आइपीसी की धारा 468 फर्जी दस्तावेज बनाना धारा 471 फर्जी दस्तावेज को जानते हुए असल के रूप में पेश करना धारा 120 बी आपराधिक षड्यंत्र रचना धारा 194 किसी व्यक्ति को मौत की सजा दिलाने के लिए झूठे साक्ष्य गढ़ना धारा 211 अपराध का झूठा आरोप लगाना धारा 218 झूठे लेख और अभिलेख लिखना

हाल ही में एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि 2002 के गुजरात दंगा मामले में अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर को लेकर एसआइटी पूछताछ के दौरान एनजीओ चलाने वाली तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व आइपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार ज्यादातर सवालों पर चुप्पी साधे रह रहे हैं। अधिकारी की ओर से कहा गया कि तीस्ता ने सवालों का जवाब देने के लिए एसआइटी से थोड़ा समय मांगा था। पूछताछ के दौरान तीस्ता ने इस बात पर भी जोर दिया था कि उन्हें जो कुछ कहना है, वे अदालत के सामने ही कहेंगी।

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