भोपाल लाया गया ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर, कल होगा अंतिम संस्कार

तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकाप्टर हादसे में शहीद हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पार्थिव शरीर को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल लाया गया है। इससे पहलेवायुसेना के सैन्य अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बता दें कि कल ग्रुप कैप्टन का अंतिम संस्कार होगा।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Thu, 16 Dec 2021 11:34 AM (IST) Updated:Thu, 16 Dec 2021 03:15 PM (IST)
भोपाल लाया गया ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर, कल होगा अंतिम संस्कार
भोपाल लाया गया ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर, कल होगा अंतिम संस्कार

बेंगलुरु, एएनआइ। तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकाप्टर हादसे में शहीद हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पार्थिव शरीर को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल लाया गया है। इससे पहले वायुसेना के सैन्य अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बता दें कि कल ग्रुप कैप्टन का अंतिम संस्कार होगा। मध्य प्रदेश के मंत्रियों ने भोपाल हवाई अड्डे पर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।

बता दें कि भारतीय वायु सेना ने बुधवार को बयान जारी कर बहादुर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन की सूचना देते हुए गहरा दुख व्यक्त किया था। वरुण सिंह का पार्थिव शरीर को दोपहर 3 बजे सेना के विमान से भोपाल पहुंचा है। इसके बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि 8 दिसंबर को सैन्य हेलिकाप्टर दुर्घटना में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बीते दिन इलाज के दौरान निधन हो गया था। इस दुर्घटना में चीफ ऑफ स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 11 अन्य सशस्त्र कर्मियों की मौत हो गई थी, जिसके बाद अब इकलौते जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने भी दम तोड़ दिया है।

शौर्य चक्र से किया गया था सम्मानित

गौरतलब है कि ग्रुप कैप्टन को हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने असाधारण वीरता के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। सैन्य हेलिकाप्टर दुर्घटना के वक्त वरुण जनरल रावत के साथ नीलगिरी हिल्स के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कालेज में स्टाफ कोर्स के फैकल्टी और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए जा रहे थे। इस दौरान वह घायल हो गए थे। बीत दिन उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा दिया।

बता दें कि ग्रुप कैप्टन भोपाल से थे। उन्होंने साल 2003 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से शिक्षा ग्रहण की। उन्हें 2004 में एक लड़ाकू पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपने करियर के दौरान मुख्य रूप से जगुआर और तेजस उड़ाए थे। वह एक प्रायोगिक परीक्षण पायलट थे और उन्हें इस साल 15 अगस्त को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। जब उनका निधन हुआ तो वे एक प्रशिक्षक के रूप में रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में तैनात थे। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है।

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