देश की इस जेल में 3600 में से 1100 कैदी कर रहे स्नातक

उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ जेल अपराध मुक्ति केंद्र में तब्दील हो गया है। जेल प्रशासन यहां कैदियों को सजा खत्म होने के बाद बेहतर जीवनयापन करने के लिए पूरा बंदोबस्त कर रहा है।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Thu, 21 Sep 2017 09:56 AM (IST) Updated:Thu, 21 Sep 2017 10:48 AM (IST)
देश की इस जेल में 3600 में से 1100 कैदी कर रहे स्नातक
देश की इस जेल में 3600 में से 1100 कैदी कर रहे स्नातक

अलीगढ़ (लोकेश शर्मा)। अशिक्षा कमजोर बनाती है और कमजोर बने रहना सबसे बड़ा अपराध है। उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ जेल, जेल नहीं वरन अपराध मुक्ति केंद्र में तब्दील हो गया है। यहां हजारों बंदी अपने अपराध-बोध से
मुक्ति पाने को प्रयासरत हैं। जेल में 3600 बंदी सजा काट रहे हैं। जिनमें से 1100 स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त करने में जुटे हुए हैं। सजा तो एक दिन कट ही जाएगी, लेकिन जिंदगी कैसे कटेगी। इस बात का बंदोबस्त जेल प्रशासन ने बखूब किया है।

इग्नू से कर रहे स्नातक : जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने का जज्बा इन कैदियों को शिक्षा की अहमियत का पाठ पढ़ाता है। जेल प्रशासन इसमेंहरसंभव सहयोग कर रहा है। पढ़ने-लिखने की हर सुविधा मुहैया कराई गई है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीयमुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के माध्यम से इनमें से 1100 से अधिक बंदी स्नातक स्तर के विविध कोर्स कर रहे हैं। एक युवा बंदी अमनेंद्र ने बैचलर प्रिपरेटरी प्रोग्राम कोर्स (बीपीपी) को प्रथम श्रेणी में पास किया है। जो 12वीं पास नहीं हैं, वे भी इसके जरिये स्नातक करने की पात्रता हासिल कर सकते हैं। अमनेंद्र जैसे अनेक बंदी इस तरह के कोर्स कर खुद को सुशिक्षित बनाने में जुटे हुए हैं। जेल में एक समृद्ध पुस्तकालय भी है जहां हिंदीअंग्रेजी दोनों ही भाषाओं की 15,000 पुस्तकों का संग्रह है। ऐसा पुस्तकालय प्रदेश की किसी अन्य जेल में नहीं है। यहां बंदियों की रुचि और पाठ्यक्रम के अनुसार धार्मिक, राजनैतिक, इतिहास, उपन्यास, आंदोलन से जुड़ी हर तरह की पुस्तकों का बेहतरीन संग्रह किया गया है।

कहीं और नहीं ऐसी कंप्यूटर लैब : जो हाथ गुनाहों के दलदल में सने हुए थे, वह अब कंप्यूटर की-बोर्ड पर सुनहरे भविष्य की गाथा लिखेंगे। सूबे में अलीगढ़ पहली जेल होगी, जहां बंदियों को कंप्यूटर शिक्षा मिल सकेगी। जेल प्रशासन कुछ सामाजिक संस्थाओं की मदद से जेल में कंप्यूटर लैब की स्थापना करा रहा है। काम शुरू हो चुका है। लैब छह महीने में तैयार हो जाएगी। इस लैब में रोजगारपरक सभी कंप्यूटर कोर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मार्च माह में डीआइजी जेल डॉ. शरद कुलश्रेष्ठ ने यहां इस लैब की स्थापना की घोषणा की थी। इससे पहले बंदियों की राय भी ली गई थी। तब, अधिकांश बंदियों ने कंप्यूटर शिक्षा की इच्छा जताई थी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक आलोक सिंह के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम विवि के इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. सरोश उमर इस लैब की स्थापना, कोर्स और प्रशिक्षण संबंधी कार्ययोजना में सहयोग कर रहे हैं।

महज कारागार नहीं है अलीगढ़ जेल
-इग्नू से विविध कोर्स कर रहे 1100 कैदी
-जेल में है 15 हजार किताबों वाला उम्दा पुस्तकालय
-स्थापित होने जा रही स्तरीय कंप्यूटर लैब
-सूबे में अपनी तरह का पहला प्रयोग

बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। पुस्तकालय, इग्नू केंद्र और कंप्यूटर शिक्षा भी उसी दिशा में बड़ा प्रयास है। जेल से छूटने के बाद बंदी आसानी से स्वरोजगार हासिल कर सकें, इसके लिए उन्हें तैयार किया जा रहा है। - आलोक सिंह, वरिष्ठ जेल अधीक्षक

इस प्रकार के प्रयास व प्रयोग होने चाहिए। ताकि बंदियों को प्रशिक्षण व रोजगार मिल सके। -वी.के. जैन, डीआइजी जेल, लखनऊ रेंज

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