सरकार का e-cigarettes पर बैन का प्रस्‍ताव, हो सकती है जेल और जुर्माना

भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने ई-सिगरेट के उत्‍पादन और आयात पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्‍ताव किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 23 Aug 2019 04:12 PM (IST) Updated:Fri, 23 Aug 2019 05:40 PM (IST)
सरकार का e-cigarettes पर बैन का प्रस्‍ताव, हो सकती है जेल और जुर्माना
सरकार का e-cigarettes पर बैन का प्रस्‍ताव, हो सकती है जेल और जुर्माना

नई दिल्‍ली, रॉयटर्स। भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने ई-सिगरेट के उत्‍पादन और आयात पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्‍ताव किया है। यह खबर मीडिया एजेंसी रायटर के हवाले से दी गई है। सरकार की यह योजना जूएल लैब्स और फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल जैसी बड़ी फर्मों की विस्तार योजनाओं को संभावित रूप से खतरे में डालने वाली है, जो इसका उत्‍पादन और विदेश से आयात करती हैं।

मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया है कि सरकार सार्वजनिक हित में इन उपकरणों पर प्रतिबंध लगाने वाला एक कार्यकारी आदेश जारी किया है। सरकार ने कहा है कि ई-सिगरेट को बच्चों और युवा वयस्कों के बीच "महामारी" नहीं बनने देना चाहिए। 

तीन साल तक जेल का प्रस्‍ताव 
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने आतंरिक नोट में कहा है कि ई सिगरेट और इसी तरह की प्रौद्योगिकियां जो तंबाकू के उपयोग को प्रोत्साहित करती हैं या लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं, साथ ही यह सक्रिय और निष्क्रिय उपयोगकर्ता के लिए खतरनाक है। इस पर कैबिनेट के विचार करने की उम्मीद है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने इसके लिए तीन साल तक जेल का प्रस्‍ताव किया है। 

पांच लाख रुपये का लग सकता है जुर्माना  
आदेश के मसौदे के अनुसार, नए नियमों के खिलाफ अपराधियों को दोहराने पर 5 लाख रुपये या 7000 डॉलर तक के जुर्माने का प्रस्‍ताव किया है। पहली बार दोषी को एक साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। ऐसे आदेश आमतौर पर भारत में एक आपातकालीन उपाय के रूप में जारी किए जाते हैं, जब संसद सत्र में नहीं होती है। 

सरकार प्रस्‍ताव से बड़ी फर्म को लगेगा झटका  
अगर अगले सत्र में यह कानून को पारित नहीं किया जाता है तो यह कानून अगले सत्र में खत्‍म हो सकता है। इसलिए उम्‍मीद है कि यह कानून नवंबर में पारित हो सकता है। यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका कि कार्यकारी आदेश का मसौदा किन बदलावों का सामना करेगा या इसे कब तक मंजूरी दी जाएगी। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रायटर की टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है।

रॉयटर्स ने बताया कि  मंत्रालय की योजनाओं से अमेरिका स्थित जूल लैब्स इंक को झटका लगेगा, जो भारत में ई सिगरेट लॉन्च करने की उम्मीद कर रहा है और उसने हाल के महीनों में कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ काम पर रखा है।  फिलिप मॉरिस ने भारत में अपने हीट-न-बर्न स्मोकिंग डिवाइस को लॉन्च करने की भी योजना बनाई है। 

रिसर्च में खुलासा, e-cigarettes का स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ता है असर
बिना निकोटिन वाली e-cigarettes पीना भी सेहत के लिए हानिकारक है। विज्ञान पत्रिका रेडियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन के दौरान 31 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो  स्वस्थ थे और धूमपान नहीं करते थे। उन्हें बिना निकोटिन वाली ई-सिगरेट पीने को कहा गया था।

अध्ययन में पाया गया कि एक बार ई-सिगरेट पीने से रक्त प्रवाह पर असर पड़ता है। यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया के प्रोफेसर फेलिक्स डब्ल्यू वर्ली ने बताया कि ई-सिगरेट में इस्तेमाल होने वाला रसायन अगर नुकसानदायक नहीं भी होता है, तो धूमपान की प्रक्रिया से नुकसान पहुंचता है। 

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