सेना में 72 महिलाओं के स्थायी कमीशन का मामला सुलझाए सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आखिरी मौका

सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामला बंद करने के लिए सरकार को दिया आखिरी मौका। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने एडिशनल सालिसिटर जनरल संजय जैन और वरिष्ठ वकील आर बालसुब्रमणियन से इस मामले को निजी तौर पर देखने को कहा।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 11:03 AM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 12:29 PM (IST)
सेना में 72 महिलाओं के स्थायी कमीशन का मामला सुलझाए सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आखिरी मौका
सेना में 72 महिलाओं के स्थायी कमीशन का मामला सुलझाए सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आखिरी मौका

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने सेना में 72 महिला शार्ट सर्विस कमीशन आफिसर (डब्ल्यूएसएससीओ) को स्थायी कमीशन देने के मामले को सुलझाने के लिए शुक्रवार को आखिरी मौका दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्थायी कमीशन को मंजूरी इस साल 25 मार्च को दिए उसके फैसले के मुताबिक दी जानी चाहिए और उसके बाद वह महिला अधिकारियों की तरफ से दायर अवमानना मामला बंद कर देगा।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने एडिशनल सालिसिटर जनरल संजय जैन और वरिष्ठ वकील आर बालसुब्रमणियन से इस मामले को निजी तौर पर देखने को कहा। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि अगर उक्त महिला अधिकारियों ने 60 फीसद आंक हासिल किए हैं और मेडिकल टेस्ट पास कर लिया है एवं सतर्कता व अनुशासनात्मक की मंजूरी भी उन्हें मिल गई है तो उन पर विचार करने की आवश्यकता है।

जैन ने सुनवाई शुरू होते ही कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक हलफनामा दायर किया है जिससे पता चलता है कि विशेष चयन बोर्ड ने इनके आचरण पर विचार किया था और जिसे उन्होंने सही नहीं पाया था।

पीठ ने कहा, 'हमने भी कहा है कि स्थायी कमीशन सतर्कता और अनुशासनात्मक मंजूरी के अधीन दिया जाएगा। मंजूरी नहीं मिली है तो हम समझौता नहीं करेंगे। आखिर हम भारतीय सेना से जुड़े मामले को देख रहे हैं। हम सतर्कता मंजूरी के महत्व को भी जानते हैं। हम भी इस देश के सिपाही हैं।' इस मामले में अब 22 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

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