पशु बिक्री बैन पर विपक्ष के एतराज पर विचार कर रही सरकार: नायडू
वेंकैया नायडू ने कहा है कि ताजा नियमों को ले कर कई पक्षों की ओर से प्रतिक्रिया मिली है। इसमें कुछ राज्य सरकार और व्यापार संगठन भी शामिल हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पशु मेले में वध के लिए होने वाली पशुओं की बिक्री पर लगाए प्रतिबंध के नियमों को ले कर सरकार ने अपने रुख में थोड़ा नरमी का संकेत दिया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि इस संबंध में विभिन्न पक्षों से मिली शिकायतों का परीक्षण हो रहा है। साथ ही उन्होंने यह सफाई भी दी है कि ये नियम सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को ध्यान में रख कर ही बनाए गए हैं।
वेंकैया नायडू ने कहा है कि ताजा नियमों को ले कर कई पक्षों की ओर से प्रतिक्रिया मिली है। इसमें कुछ राज्य सरकार और व्यापार संगठन भी शामिल हैं। सरकार इस पर विचार कर रही है। जानवरों पर होने वाली क्रूरता को रोकने के लिए बनाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एक मामले की सुनवाई के दौरान गंभीर टिप्पणी की थी। ऐसे में सरकार ने उस पर चलने के लिए ही ये नियम बनाए हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में संसद की स्थायी समिति ने भी टिप्पणी की थी कि पशु मेलों और बाजारों में तस्करों की सांठ-गांठ को समाप्त करना जरूरी है। इसलिए सरकार ने नियम बनाए हैं कि पशु मेलों और बाजारों में पशुओं को हत्या के लिए नहीं बेचा जा सकेगा।
पर्यावरण मंत्रालय को इस संबंध में केरल और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों के साथ ही 13 अलग-अलग मांगपत्र मिले हैं। मंत्रालय ने पिछले हफ्ते ये नियम बनाए हैं। केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने तो इस नियम का बहुत जोरदार तरीके से विरोध किया है और सभी मुख्यमंत्रियों को लिखा है इसे मानने से इनकार करें। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक और संघीय प्रक्रिया पर हमला भी बताया है। इसी तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसे केंद्र की ओर से राज्यों के अधिकार क्षेत्र में जबरन दखलंदाजी बता दिया है। पिछले दो दिन से पर्यावरण मंत्रालय लगातार कह रहा था कि नियमों में कोई बदलाव नहीं होंगे। लेकिन इस पर बढ़ते राजनीतिक विरोध के बाद नायडू के बयानों को रुख में नरमी का संकेत माना जा रहा है।
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