अवश्य लौटेंगे गंगा के अच्छे दिन: उमा भारती

महर्षि रैम्य की तपस्थली तीर्थनगरी ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर पतित पावनी गंगा शांतचित्त भाव से गंगा सागर की ओर प्रवाहित हो रही हैं। गंगा प्रवाह की मद्धिम ध्वनि के बीच घाट पर उसकी निर्मलता व अविरलता के प्रति चिंता व उम्मीदों के स्वर एक साथ फूट रहे हैं। गंगातट पर जुटे संत-महंत, राजनेता व आम जनमानस आज खुद को

By Edited By: Publish:Sat, 28 Jun 2014 08:05 PM (IST) Updated:Sun, 29 Jun 2014 07:22 AM (IST)
अवश्य लौटेंगे गंगा के अच्छे दिन: उमा भारती

ऋषिकेश [जागरण ब्यूरो] महर्षि रैम्य की तपस्थली तीर्थनगरी ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर पतित पावनी गंगा शांतचित्त भाव से गंगा सागर की ओर प्रवाहित हो रही हैं। गंगा प्रवाह की मद्धिम ध्वनि के बीच घाट पर उसकी निर्मलता व अविरलता के प्रति चिंता व उम्मीदों के स्वर एक साथ फूट रहे हैं। गंगातट पर जुटे संत-महंत, राजनेता व आम जनमानस आज खुद को 'गंगापुत्र' की भूमिका में महसूस कर रहे हैं। शपथ ले रहे हैं कि मोक्षदायिनी की निर्मलता को अक्षुण्ण बनाए रखने को वे सभी पूरी निष्ठा व शक्ति के साथ जुटेंगे। बीते रोज देवप्रयाग से प्रारंभ हुई दैनिक जागरण परिवार की 'गंगा जागरण यात्रा' शनिवार को ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर पहुंची तो मां गंगा के भक्तों का कारवां विस्तार लेता चला गया।

गंगा सागर तक की इस 3000 किलोमीटर की भगीरथ मुहिम के दूसरे पड़ाव स्थल ऋषिकेश से केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने हरी झंडी दिखाकर गंगा जागरण यात्रा रथ को आगे के लिए रवाना किया। इससे पूर्व घाट पर आयोजित कार्यक्रम में मां गंगा का सानिध्य पाकर अभिभूत दिखीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा, 'हमें मां का दूध पीकर जीवित रहना है, उसका खून पीकर नहीं.। सौ दिन का समय दीजिए। गंगा के अच्छे दिन जरूर लौटेंगे।' उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास को जनांदोलन बनाने का मूलमंत्र दिया है। उम्मीद है प्रधानमंत्री का यह विजन पहली बार गंगा के सफाई अभियान में चरितार्थ होगा।

गंगा व सहायक नदियों पर निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर उठ रही आशंकाओं को भी केंद्रीय मंत्री ने खारिज किया। कहा कि गंगा की निर्मलता व अविरलता में आने वाली हर बाधा को दूर करने का सरकार का इरादा जरूर है, यदि इस मुहिम में कहीं कोई योजना, रोजगार प्रभावित होता है तो उसकी क्षतिपूर्ति का भी इंतजाम किया जाएगा। गोमुख से गंगासागर तक गंगा चौकियां स्थापित कर उसमें हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी। उमा भारती बोलीं, गंगा पिछली पीढि़यों के लिए तर्पण है, तो भविष्य के लिए जीवन भी है।

कार्यक्रम में उत्तराखंड के वन एवं खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल ने भरोसा दिया कि गंगा के लिए केंद्र सरकार की मुहिम में राज्य सरकार पूरी निष्ठा व शक्ति के साथ भागीदारी करेगी। दोनों सरकारों के बेहतर समन्वय से ही यह मुहिम अंजाम तक पहुंचेगी। पौड़ी से भाजपा सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने पिछले 28 वर्षो में गंगा की दुर्दशा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गोमुख से गंगा सागर तक गंगा को कई भागों के बांटकर कार्ययोजना तैयार करनी होगी।

हरिद्वार के भाजपा सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि यह पिछली गलतियों पर अफसोस करने का नहीं, बल्कि गंगा की पवित्रता के लिए एकजुट मुहिम छेड़ने का वक्त है। उन्होंने राज्य सरकार से स्पर्श गंगा अभियान को पुनर्जीवित करने और हिमनद प्राधिकरण को दोबारा प्रारंभ करने का भी अनुरोध किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भरत मिलाप आश्रम के महंत कृपालु महाराज ने कहा कि सिर्फ गंगा किनारे ढांचे खड़े करने से गंगा पवित्र नहीं होगी। इसके लिए दृढ़-इच्छाशक्ति व आत्म जागरण की जरूरत है। इस कड़ी में उन्होंने दैनिक जागरण परिवार की मुहिम की सराहना की। समारोह के अंत में सभी लोगों ने गंगा की ओर मुखातिब होकर मोक्षदायिनी की निर्मलता के लिए पूरी निष्ठा व ईमानदारी से सक्रिय भूमिका निभाने की शपथ ली।

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