स्वर्णाभूषणों की हालमार्किग जल्द होगी अनिवार्य : पासवान

देश में बिना हालमार्किग वाले स्वर्णाभूषण बेचना जल्दी ही अपराध हो जाएगा। सोने के उपभोक्ताओं के साथ ठगी करना आसान नहीं होगा। सरकार ने इस दिशा में तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं।

By TaniskEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 08:36 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 08:36 PM (IST)
स्वर्णाभूषणों की हालमार्किग जल्द होगी अनिवार्य : पासवान
स्वर्णाभूषणों की हालमार्किग जल्द होगी अनिवार्य : पासवान

नई दिल्ली, जेएनएन। देश में बिना हालमार्किग वाले स्वर्णाभूषण बेचना जल्दी ही अपराध हो जाएगा। सोने के उपभोक्ताओं के साथ ठगी करना आसान नहीं होगा। सरकार ने इस दिशा में तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री राम विलास पासवान ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार जल्दी ही सोने के गहने पर हालमार्किग को कानूनी रूप से अनिवार्य बनाने जा रहे हैं। उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण को सरकार ने उच्च प्राथमिकता दी है।

पासवान बृहस्पतिवार को यहां विश्व मानक दिवस पर आयोजित 'अंतरराष्ट्रीय मानक और चौथी औद्योगिक क्रांति' माह के आखिरी समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अभी तक स्वर्णाभूषण पर हालमार्किग स्वैच्छिक थी, जिसे जल्दी ही अनिवार्य कर दिया जाएगा। हालमार्किग के बाद सोने की शुद्धता में कोई खोट नहीं रहने दिया जाएगा। इससे सोने की गहने की शुद्धता को प्रमाणित किया जाएगा। बाजार में केवल 14, 18 और 22 कैरट के गहने ही बेचे जा सकेंगे, जिनके साथ उपभोक्ताओं को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

उपभोक्ता मंत्री पासवान ने घोषणा के बाद यह स्पष्ट नहीं किया कि किस महीने से इस पर अमल शुरु हो जाएगा। देश में फिलहाल 653 आकलन और हालमार्किग सेंटर स्थापित हो चुके हैं। सबसे अधिक केंद्र तमिलनाडु और दूसरे स्थान पर केरल है। समारोह में पासवान ने कहा कि चौथे औद्योगिक क्रांति में स्मार्ट प्रौद्योगिकी की भूमिका अहम होगी। मानक के स्तर पर भारत दुनिया के किसी देश से पीछे नहीं रहना चाहता है।

पासवान ने कहा कि कई तरह के उद्योगों में आज भी 1950 की टेक्नोलॉजी चल रही है। इस स्थिति से उबरना होगा। मानक को प्रौद्योगिकी से निखारा जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुरानी प्रौद्योगिकी को हटाने और नये में आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग की जरूरत है। हमे हर तरह की चुनौती को स्वीकार करना होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय मानक की अहमियत होनी चाहिए, तभी हमारे उत्पादों के निर्यात की संभावना बढ़ेगी।

केंद्रीय उपभोक्ता राज्यमंत्री सीआर चौधरी ने कहा कि नये उद्योगों में आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी के प्रयोग समय की जरूरत है। बीआईएस की महानिदेशक सुरिना राजन ने कहा कि स्मार्ट टेक्नोलॉजी के मानक का अध्ययन शुरु कर दिया गया है, जिसका उपयोग चौथी औद्योगिकी क्रांति में होना चाहिए।

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