सेना में महिलाओं को भी मिलेगी लड़ाकू भूमिका: आर्मी चीफ

जनरल रावत ने कहा कि हम इस सिलसिले में प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुके हैं। अब मामला सरकार के पास है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Sun, 04 Jun 2017 07:18 PM (IST) Updated:Sun, 04 Jun 2017 07:28 PM (IST)
सेना में महिलाओं को भी मिलेगी लड़ाकू भूमिका: आर्मी चीफ
सेना में महिलाओं को भी मिलेगी लड़ाकू भूमिका: आर्मी चीफ

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय सेना में एक बड़े बदलाव के तहत महिलाओं को लड़ाकू भूमिका में उतारने की प्रक्रिया तेज की जा रही है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि शुरुआत में उन्हें मिलिट्री पुलिस के पदों पर नियुक्त किया जाएगा। अगर ऐसा होता है, तो भारतीय सेना दुनिया में लैंगिक असमानता खत्म करने वाली कुछ सेनाओं में शुमार हो जाएगी।

एक विशेष भेंट में जनरल रावत ने कहा कि हम इस सिलसिले में प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुके हैं। अब मामला सरकार के पास है। उल्लेखनीय है कि इस समय महिलाओं को सेना की चिकित्सा, कानूनी, शैक्षणिक, सिग्नल और इंजीनियरिंग शाखाओं में जाने की इजाजत है। लेकिन, लड़ाकू भूमिका से उन्हें दूर रखा गया है। इस समय सिर्फ जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, नार्वे, स्वीडन और इजरायल में महिलाओं को मोर्चे पर तैनात किया जाता है।

रक्षा उत्पादन में निजी कंपनियों को शामिल करने के लिए सरकार के रणनीतिक साझेदारी मॉडल (एसपी मॉडल) की भी जनरल रावत ने सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सेना के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना की दिशा में एक बड़ा कदम है। उम्मीद है कि नए मॉडल से सेना के आधुनिकीकरण की रफ्तार तेज होगी। इससे नई तकनीक आएगी और सेना की मुख्य परियोजनाओं के क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।

क्षेत्र के सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर सेना अपनी हथियार प्रणाली के आधुनिकीकरण पर जोर दे रही है। जनरल रावत ने कहा कि एसपी मॉडल सेना के पुराने होते टैंकों और महत्वपूर्ण हथियारों के बेड़े को बदलने में कारगर साबित होगा

सेना प्रमुख ने कहा कि रणनीतिक साझेदारी मॉडल एक बड़ा कदम है। यह सैन्य बलों के आधुनिकीकरण में मदद देगा। हमें टैंकों को हटाने पर धीरे-धीरे विचार करना होगा। आगामी सात से आठ वर्षो में हमारी कुछ पुरानी प्रणालियों को बदलना होगा। इस प्रक्रिया को अभी शुरू करना अच्छा होगा, क्योंकि उत्पादन के लिए आपको वक्त चाहिए होता है।

नए मॉडल के तहत सरकार देश की निजी क्षेत्र की कंपनियों को रक्षा क्षेत्र की प्रमुख विदेशी कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम में भारत में लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, पनडुब्बियां और प्रमुख लड़ाकू टैंकों के निर्माण की इजाजत देगी।

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