...जब ट्रैफिक नियम तोड़ने पर नितिन गडकरी को भी भरना पड़ा जुर्माना, जानें पूरा मामला

ट्रैफिक पुलिस द्वारा लगाये जा रहे भारी-भरकम जुर्माने की हो रही आलोचनाओं पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सफाई दी है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 09 Sep 2019 04:23 PM (IST) Updated:Mon, 09 Sep 2019 07:08 PM (IST)
...जब ट्रैफिक नियम तोड़ने पर नितिन गडकरी को भी भरना पड़ा जुर्माना, जानें पूरा मामला
...जब ट्रैफिक नियम तोड़ने पर नितिन गडकरी को भी भरना पड़ा जुर्माना, जानें पूरा मामला

मुंबई, प्रेट्र। संशोधित मोटर वाहन कानून के तहत यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने को लेकर जताई जा रही चिंता के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें भी तेज गति के लिए जुर्माना भरना पड़ा है। मुंबई में बांद्रा-वर्ली सी-लिंक पर हुई चूक के लिए उन्हें जुर्माना देना पड़ा।

मोदी सरकार के पहले 100 दिनों में लिए गए बड़े फैसलों के बारे में बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 समाप्त करना और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटना केंद्र की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अभिलाषा भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाना है। उन्होंने कहा, '100 दिन तो ट्रेलर है, पूरी फिल्म अगले पांच साल में दिखेगी।'

गडकरी ने कहा कि एक साथ तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में लाना और मोटर वाहन कानून में संशोधन राजग सरकार की बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, 'यहां तक कि मैंने भी सी-लिंक पर तेज गति के लिए जुर्माना भरा है।' मोटर वाहन संशोधित अधिनियम को पिछले महीने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दी थी। इसका लक्ष्य यातायात का उल्लंघन करने वालों को कठोर दंड देना और सड़कों पर अनुशासन लाना है।

गडकरी ने कहा, 'मोटर वाहन संशोधित अधिनियम पारित कराना हमारी सरकार की बड़ी उपलब्धि है। भारी जुर्माने से पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार नहीं होगा।' उन्होंने कहा कि देश में बड़े पैमाने पर दुर्घटना के कारणों में ऑटो इंजीनियरिंग के साथ ही सड़क इंजीनियरिंग भी है।

गौरतलब है कि1 सितंबर से संशोधित मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद से दिल्ली में ट्रैफिक चालान की संख्या में कमी आई है। यातायात नियमों के कड़ाई से पालन के कारण जुर्माने की राशि में बढ़ोत्तरी हुई है जिससे पिछले महीने तक 16,788 प्रतिदिन औसतन कटे चालान की तुलना में अब यह संख्या 4,813 ही रह गई है। अधिनियम लागू होने से पहले व्यावसायिक वाहनों पर सबसे ज्यादा चालान जारी किए जाते थे। वाहन मालिकों और ड्राइवर की सतर्कता के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में चेकिंग की वजह से यह अब काफी कम हो गई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बड़ी संख्या में कमर्शियल वाहनों के मालिकों अपने कागजात को अपडेट करने में भी लगे हुए हैं।

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