जेनेटिकली मॉडिफाइड खाद्य पदार्थों के लिए FSSAI के नियम तैयार, फूड पैकेट पर लगाना होगा लेबल

GM Foods फूड रेगुलेटर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने जेनेटिकली मॉडिफाइड फूड के नियम तैयार किए हैं। एफएसएसएआई के प्रस्‍तावित मसौदे के मुताबिक अब सभी खाद्य उत्पादों को जेनेटिकली मॉडिफाइड के साथ लेबल करना अनिवार्य होगा।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Tue, 22 Nov 2022 08:23 AM (IST) Updated:Tue, 22 Nov 2022 08:23 AM (IST)
जेनेटिकली मॉडिफाइड खाद्य पदार्थों के लिए FSSAI के नियम तैयार, फूड पैकेट पर लगाना होगा लेबल
GMOs का मतलब किसी भी जीवित जीव से है जिसमें...!

नई दिल्‍ली, पीटीआई। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य पदार्थों यानि जेनेटिकली मॉडिफाइड (Genetically Modified Foods) के लिए नियमों का मसौदा तैयार किया है। इसमें जेनेटिकली मॉडिफाइड जीवों से निर्मित खाद्य या सामग्री के निर्माण, बिक्री और आयात के लिए नियामक से पूर्व अनुमोदन अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया गया है। अगर ऐसा होता है, तो कई खाद्य पदार्थों की गुणवत्‍ता में सुधार आ जाएगा, क्‍योंकि एफएसएसएआई की अनुमति के बाद ही इन्‍हें बाजार में उतारा जा सकेगा।

नियम GMO से उत्पादित खाद्य सामग्री पर भी लागू होंगे

बताया जा रहा है कि एफएसएसएआई के मसौदे के मुताबिक, प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा और मानक (आनुवांशिक रूप से संशोधित खाद्य पदार्थ) नियमन, 2022 खाद्य उपयोग के लिए लक्षित आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों (जीएमओ) पर लागू होंगे। एक बार लागू होने के बाद ये नियमन जीएमओ से उत्पादित खाद्य सामग्री पर भी लागू होंगे, जिनमें संशोधित डीएनए होता है। इसके साथ ही जीएमओ से उत्पादित खाद्य सामग्री पर भी लागू होता है, जिसमें संशोधित डीएनए नहीं होता है।

क्‍या होगा है GMO?

अगर आम भाषा में कहें, तो जीएमओ का अर्थ किसी भी जीवित जीव से है, जिसमें आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से प्राप्त आनुवंशिक सामग्री का एक नया संयोजन है। एफएसएसएआई के मसौदे में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति खाद्य प्राधिकरण की पूर्व स्वीकृति के बिना जीएमओ से उत्पादित किसी भी खाद्य या खाद्य सामग्री का निर्माण, पैकिंग, भंडारण, बिक्री, बाजार या अन्यथा वितरण या आयात नहीं करेगा। साथ ही सभी खाद्य उत्पादों को GMOs के साथ लेबल किया जाएगा।

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एफएसएसएआई नियमों के मसौदे पर नियामक को 60 दिन के अंदर सुझाव दिए जा सकते हैं। यह मसौदा 18 नवंबर को जारी किया गया। गौरतलब है कि हाल ही में सरकार जीएस सरसों (GM Mustard) के ट्रायल को मंजूरी दी गई है।

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