संयुक्त राष्ट्र में पहली बार गूंजा देववाणी संस्कृत का श्लोक, जावड़ेकर ने जलवायु परिवर्तन पर किया वैदिक मंत्रोच्चार

जी--20 में भारत ही ऐसा देश है जिसने जलवायु परिवर्तन के अपने लक्ष्यों को पूरा किया है। लक्ष्यों को ही पूरा नहीं किया बल्कि पेरिस समझौते से आगे जाकर काम किया। भारत सौर ऊर्जा के मामले में सबसे ज्यादा तेजी से ब़़ढने वाला देश है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 07:51 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 07:51 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र में पहली बार गूंजा देववाणी संस्कृत का श्लोक, जावड़ेकर ने जलवायु परिवर्तन पर किया वैदिक मंत्रोच्चार
जावड़ैकर ने मंत्र की प्रकृति में महत्ता पर डाला प्रकाश।

नई दिल्ली (एजेंसी)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पहली बार देववाणी संस्कृत का श्लोक गूंजा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संस्कृत में शुक्ल यजुर्वेद के शांति पाठ मंत्र के साथ अपने विचारों को शुरू किया। इस मंत्र के माध्यम से जगत के समस्त जीवों, वनस्पतियों और प्रकृति में शांति बनी रहे, इसकी प्रार्थना की गई है। मंत्र इस प्रकार है।

जलवायु परिवर्तन पर यजुर्वेद के श्लोक का किया उल्लेख

द्यौ: शांतिरंतरिक्षं शान्ति : पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधयशान्ति:।। वनस्पतय: शांतिविश्वे देवा: शांति‌र्ब्रह्मा शांति: सर्वं शांति:, शांतिरेव शांति: सा मा शांतिरेधि ।। ú शांति: शांति: शांति:।।

जावड़ेकर ने मंत्र की प्रकृति में महत्ता पर डाला प्रकाश

मंत्रोच्चारण के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस मंत्र की प्रकृति में महत्ता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कोई ऐसी सर्वमान्य पद्धति नहीं है, जिसके माध्यम से जलवायु परिवर्तन और संघर्ष का आकलन किया जा सके।

जावड़ेकर ने कहा- जलवायु परिवर्तन के लिए सभी देशों को अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना चाहिए

उन्होंने अपने भाषण में कहा कि पहले 2020 तक जलवायु परिवर्तन के लिए सभी देशों को अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जी--20 में भारत ही ऐसा देश है, जिसने जलवायु परिवर्तन के अपने लक्ष्यों को पूरा किया है। लक्ष्यों को ही पूरा नहीं किया, बल्कि पेरिस समझौते से आगे जाकर काम किया। भारत सौर ऊर्जा के मामले में सबसे ज्यादा तेजी से ब़़ढने वाला देश है।

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