काशी के घाट सुनाएंगे गंगा की गाथा

गंगा की सफाई और काशी के उद्धार की रूपरेखा अब आकार लेने लगी है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कायाकल्प की योजना दो चरणों में होगी। घाटों का जीर्णोद्धार और शहर की दशा-दिशा बदलने का मोटा खाका तैयार है। वाराणसी को आधुनिक शहर बनाने और उसके बगल में एक स्मार्ट शहर की कार्ययोजना पर विमर्श अंति

By Edited By: Publish:Mon, 18 Aug 2014 09:59 PM (IST) Updated:Mon, 18 Aug 2014 10:15 PM (IST)
काशी के घाट सुनाएंगे गंगा की गाथा

नई दिल्ली [राजकिशोर]। गंगा की सफाई और काशी के उद्धार की रूपरेखा अब आकार लेने लगी है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कायाकल्प की योजना दो चरणों में होगी। घाटों का जीर्णोद्धार और शहर की दशा-दिशा बदलने का मोटा खाका तैयार है। वाराणसी को आधुनिक शहर बनाने और उसके बगल में एक स्मार्ट शहर की कार्ययोजना पर विमर्श अंतिम दौर में है। फिलहाल घाटों पर काम होगा, जिससे काशी के भविष्य की झलक दिखेगी। गुजरात के सोमनाथ की तरह काशी में गंगा और बाबा विश्वनाथ की गाथा सुनाने वाला 'लाइट एंड साउंड शो' होगा। इसकी पटकथा चाणक्य जैसा कालजयी टीवी धारावाहिक बनाने वाले डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी लिख रहे हैं।

घाटों का कायाकल्प

गंगा के पुनरुद्धार के लिए बनी चार सदस्यीय मंत्रिमंडलीय समिति में घाटों को लेकर चर्चा हो चुकी है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी, जल संसाधन व गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती, पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और पर्यटन मंत्री श्रीपद यशो नाइक वाली इस समिति ने काशी के घाटों के पहले चरण के पुनरुद्धार का खाका भी तैयार कर लिया है। देश की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली काशी के चुनिंदा घाटों के रूपांतरण के लिए निजी कंपनियों के साथ-साथ विशेषज्ञों से चर्चा हो रही है। बस इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि राज्य सरकार को उसके अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण का आरोप लगाने का कोई मौका न मिले।

सूत्रों के मुताबिक काशी के एक घाट पर गंगा की गाथा सुनाने का 'लाइट एंड साउंड शो' इस कड़ी में सबसे पहले शुरू किया जाएगा। पर्यटकों और निर्माण के लिहाज से उपयुक्त घाट के लिए फिलहाल तीन से चार विकल्प उभरकर आए हैं। इसके लिए गडकरी ने प्रख्यात लेखक-निर्माता-निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी से बात की है।

इसके अलावा आम बजट में घोषित 'नमामि गंगा' योजना का सबसे बड़ा लाभ वाराणसी को मिलना है। इसके तहत आवंटित 6300 करोड़ रुपये की राशि से गंगा को निर्मल बनाने के साथ ही इसके किनारे स्थित शहरों में बुनियादी ढांचे को दुरुस्त किया जाना है।

विकास के दो चरण

सूत्रों के मुताबिक काशी के पुनरुद्धार में सबसे बड़ी दिक्कत वहां की घनी आबादी, संकरी गलियां और तितर-बितर विकास आ रहा है। इसीलिए, दो चरणों में विकास की योजना बनाई जा रही है। वाराणसी को आधुनिक शहर बनाने के लिए उसके बाहरी इलाके में विकास कर व्यापारिक गतिविधियां बढ़ाने के प्रयास होंगे। स्मार्ट सिटी के रूप में उसका विकास होगा। पौधरोपण का काम भी इसी चरण में होगा। दूसरे चरण में वाराणसी को चारों तरफ से हाईवे से जोड़ने की योजना है। इस चरण में वाराणसी में बेतरतीब बिजली और फोन के तार जमीन के अंदर कर गलियों को साफ किया जाएगा। साथ ही वहां के कचरे से टाइल्स बनाए जाएंगे, जिन्हें गलियों में बिछाया जाएगा।

रेलवे पर ध्यान

अब तक वाराणसी की उपेक्षा करने वाला रेलवे भी जाग गया है और वाराणसी कैंट, वाराणसी जंक्शन समेत आसपास के अन्य स्टेशनों के आधुनिकीकरण की तैयारी में जुट गया है। तात्कालिक तौर पर स्टेशनों को साफ-सुथरा बनाने और बेहतर यात्री सुविधाएं देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। वाराणसी में सुधार कार्यो की जिम्मेदारी पूर्वोत्तर रेलवे के साथ उत्तर रेलवे को भी सौंपी गई है और रेलवे बोर्ड खुद उसकी निगरानी कर रहा है। इस सिलसिले में रेलवे के आला अफसर कई मर्तबा वाराणसी का दौरा कर चुके हैं। वाराणसी कैंट स्टेशन में अभी नौ प्लेटफार्म और दो ट्रेनों के आने-जाने की दो लाइनें हैं। आधुनिकीकरण योजना के तहत प्लेटफार्मो, लाइनों और वाशिंग लाइनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। आने-जाने की लाइनों को अलग-अलग करने और प्लेटफार्मो की लंबाई बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। इसके लिए 25 करोड़ रुपये मंजूर किए जा चुके हैं। प्लेटफार्मो के फर्श और सीढि़यों पर ग्रेनाइट लगाया गया है। खाने-पीने के नए स्टाल व आउटलेट खोले जा रहे हैं।

पर्यटन पर जोर

विश्व के पर्यटन नक्शे पर वाराणसी का रुतबा स्थापित करने के लिए पर्यटन मंत्रालय भी जी जान से लग गया है। घाटों के सुंदरीकरण के लिए लगभग 18 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। छह घाटों के विकास का जिम्मा सुलभ इंटरनेशनल को सौंपा गया है। वरुणा के किनारे सात नए घाट बनाए जा रहे हैं। शहर की सड़कों का नवनिर्माण किया गया है। कई सड़कों की मरम्मत की गई है। खासकर आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर को जाने वाली सड़कें सुधारी जा रही हैं।

पढ़ें : काशी में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम

पढ़ें : वाराणसी के विकास के लिए मेगा प्रोजेक्ट

chat bot
आपका साथी