आज ही के दिन मुंबई के पारसी परिवार में जन्मे थे फिरोज जहांगीर, इंदिरा से शादी के बाद बने थे गांधी

आज ही के दिन मुंबई के पारसी परिवार में फिरोज जहांगीर का जन्म हुआ था। इंदिरा गांधी से शादी के बाद उनको गांधी सरनेम मिला था।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Wed, 11 Sep 2019 07:29 PM (IST) Updated:Thu, 12 Sep 2019 08:52 AM (IST)
आज ही के दिन मुंबई के पारसी परिवार में जन्मे थे फिरोज जहांगीर, इंदिरा से शादी के बाद बने थे गांधी
आज ही के दिन मुंबई के पारसी परिवार में जन्मे थे फिरोज जहांगीर, इंदिरा से शादी के बाद बने थे गांधी

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। गांधी परिवार देश की राजनीति में एक अलग ही पहचान रखता है। देश में सिर्फ गांधी और नेहरू परिवार ही ऐसे थे जिनका देश की राजनीति से जुड़ाव रहा है। ऐसे ही गांधी परिवार के एक खास सदस्य फिरोज गांधी का आज जन्मदिन है। फिरोज गांधी का जन्म 12 सितंबर 1912 को हुआ था। वो एक राजनेता के साथ-साथ पत्रकार भी थे। इसके अलावा वो लोकसभा के सदस्य भी रहे। फिरोज गांधी की शादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से हुआ था। फिरोज गांधी के दो बेटे हुए उनके नाम राजीव और संजय गांधी थे।

जीवन परिचय
फिरोज गांधी का जन्म मुंबई में एक पारसी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जहांगीर एवं माता का नाम रतिमाई था। वो मुंबई के खेतवाड़ी मोहल्ले के नौरोजी नाटकवाला भवन में रहते थे। फिरोज के पिता जहांगीर किलिक एक इंजीनियर थे, जिन्हें बाद में वारंट इंजीनियर के रूप में पदोन्नत किया गया था। फिरोज अपने भाई बहनों में सबसे छोटे थे, उनके दो भाई दोराब और फरीदुन जहांगीर और दो बहनें, तेहमिना करशश और आलू दस्तुर थी। फिरोज का परिवार मूल रूप से दक्षिण गुजरात के भरूच का निवासी था, उनका पैतृक गृह अभी भी कोटपारीवाड़ में है। 

इलाहाबाद में हुई थी शिक्षा दीक्षा
फिरोज गांधी की शिक्षा दीक्षा इलाहाबाद में ही हुई थी। 1920 के दशक की शुरुआत में अपने पिता की मृत्यु के बाद फिरोज अपनी मां के साथ इलाहाबाद में अपनी अविवाहित मौसी शिरिन कमिसारीट के पास रहने चले गए, वो शहर के लेडी डफरीन अस्पताल में एक सर्जन थी। इलाहबाद में ही फिरोज ने विद्या मंदिर हाई स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की, उसके बाद उन्होंने ईविंग क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

गांधी परिवार की रजामंदी के बगैर हुई थी फिरोज की इंदिरा से शादी
फिरोज गांधी की इंदिरा गांधी के साथ लवमैरिज हुई थी। इंदिरा के पिता जवाहरलाल नेहरू नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी की शादी किसी दूसरे धर्म में हो, उसके बाद भी इंदिरा गांधी किसी तरह से मानने को तैयार नहीं थी। उन्होंने पिता की मर्जी के खिलाफ फिरोज गांधी से शादी की थी। दोनों की लवस्टोरी भी चर्चित रही, बताया जाता है कि दोनों की मुलाकात 1930 में हुई थी। आजादी की लड़ाई में इंदिरा की मां कमला नेहरू एक कॉलेज के सामने धरना दे रही थी, इसी दौरान वो बेहोश हो गई थीं. फिरोज उस समय वहीं मौजूद थे, उनके बेहोश हो जाने पर वो उनको लेकर अस्पताल गए, फिरोज ने उनकी बहुत देखभाल की, उसके बाद उनका वो कमला नेहरू का हालचाल जानने के लिए अक्सर उनके घर जाते थे, इसी दौरान उनके और इंदिरा गांधी के बीच नजदीकियां बढ़ीं, फिर जब फिरोज इलाहाबाद में रहने लगे तो वो आनंद भवन जाते रहते थे, यहीं से दोनों का प्यार परवान चढ़ा और अंत में दोनों ने शादी कर ली। 

1942 में दोनों ने की शादी
फिरोज से इंदिरा की शादी 1942 में हुई। जवाहर लाल नेहरू इस शादी के खिलाफ थे मगर बाद में महात्मा गांधी के बीच में पड़ने के कारण दोनों की शादी इलाहाबाद में हुई। फिरोज को बापू ने अपना सरनेम भी दिया। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इंदिया और फिरोज साथ में जेल भी गए। बताया जाता है कि शादी के बाद इंदिरा और फिरोज के बीच आए दिन लड़ाइयां होती रहती थीं।

राजीव और संजय गांधी का जन्म
1949 में फिरोज और इंदिरा के दो बेटे हुए। इनका नाम राजीव और संजय गांधी रखा गया। दोनों बेटे होने के बाद इनको लेकर इंदिरा अपने पिता का घर संभालने के लिए फिरोज को छोड़कर चली गईं, उस समय संजय लखनऊ में रहे, इंदिरा के पिता के पास चले जाने के बाद फिरोज ने नेहरू सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया और कई बड़े घोटालों को उजागर किया। जब दोनों का अलगाव हो गया तो फिरोज गांधी की तबीयत खराब होने लगी। इंदिरा गांधी को जब इसका पता चला तो वो उनकी देखभाल के लिए उनके पास गई, अंत समय तक वो संजय गांधी के साथ मौजूद थीं। 8 सितम्बर, 1960 को हृदयाघात से फिरोज गांधी का निधन हो गया था। 

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