बागवानी व कृषि उद्यम से बढ़ेगी किसानों की आमदनी

कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का विस्तार कर दायरा बढ़ा दिया है। पहले यह योजना 19 राज्यों के 482 जिलों तक सीमित थी

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Sun, 30 Apr 2017 06:09 AM (IST) Updated:Sun, 30 Apr 2017 06:09 AM (IST)
बागवानी व कृषि उद्यम से बढ़ेगी किसानों की आमदनी
बागवानी व कृषि उद्यम से बढ़ेगी किसानों की आमदनी

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से विशेष पहल की गई है। इसके तहत बाजार में कृषि उत्पादों की मांग को ध्यान में रखा जायेगा और उसी फसल की खेती को खास तवज्जो दी जाएगी। धान व गेहूं के साथ मोटे अनाज, दलहन, बागवानी और कृषि उद्यम को प्रोत्साहित किया जायेगा। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन और कृषि विस्तार व प्रौद्योगिकी के मार्फत किसानों तक लाभ पहुंचाया जायेगा।

कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का विस्तार कर दायरा बढ़ा दिया है। पहले यह योजना 19 राज्यों के 482 जिलों तक सीमित थी, जिसे बढ़ाकर अब 29 राज्यों के 638 जिलों में कर दिया गया है। मिशन में परंपरागत फसलों के साथ कई तरह की व्यापारिक फसलों को तरजीह दी जाती है। सरकार का लक्ष्य इसके मार्फत खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित बनाना है। घरेलू बाजार में दलहन की मांग व आपूर्ति में बढ़ते अंतर के चलते दालों के मूल्य में काफी तेजी का रुख है। इसके तहत दलहन खेती को सरकार का भरपूर समर्थन दिया जा रहा है।

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देश में दलहन की मांग को पूरा करने के लिए लगातार आयात निर्भरता बढ़ रही है। इसके लिए सरकार ने दालों क न्यूनतम समर्थन मूल्य में संतोषजनक वृद्धि की है। सरकारी खरीद को सुनिश्चित करने का भी बंदोबस्त किया गया है। लिहाजा दालों की पैदावार का लक्ष्य अब तक का सर्वाधिक 2.2 करोड़ टन कर दिया है। दूसरा, बागवानी मिशन के तहत जैविक बागवानी उत्पादों की मांग बढ़ी है, बाजार में जिसके अच्छे मूल्य भी मिलते हैं। इसी के मद्देनजर देश में 2.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक बागवानी हो रही है। फलों व सब्जियों के साथ अन्य कामर्शियल फसलों पर जोर दिया जा रहा है।

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फल व सब्जियों की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए उनके उन्नत व गुणवत्तायुक्त बीजों की आपूर्ति पर विशेष जोर दे रही है। इसके लिए भी बीज मिशन की शुरुआत की गई है। दालों की खरीद के साथ कई अन्य उपज की भी सरकारी खरीद सुनिश्चित की जा रही है, ताकि किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके। कृषि से जुड़े उद्यम डेयरी, पशुधन, पॉल्ट्री और पर विशेष जोर दिया गया है। इसके लिए सस्ते ऋण और अन्य इनपुट की उपलब्धता पर जोर है। श्वेत व नीली क्रांति के मार्फत किसानों की आमदनी को बढ़ाने पर बल दिया गया है। किसानों को हर संभव मदद मुहैया कराने के लिए उन्नत प्रजाति के पशुओं की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है।

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