नई मुसीबत में फंस सकते हैं भाजपा महासचिव अमित शाह

भाजपा महासचिव अमित शाह नई मुसीबत में फंस सकते हैं। 2004 में हुई इशरत जहां मुठभेड़ मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने शुक्रवार को निलंबित आइपीएस अधिकारी डीजी वंजारा से यहां साबरमती जेल में पूछताछ की। एजेंसी ने वंजारा से उनके त्याग-पत्र के बारे में पूछा। वंजारा ने बताया कि वह और अन्य पुलिस अधिकारी केवल र

By Edited By: Publish:Fri, 20 Sep 2013 10:28 PM (IST) Updated:Fri, 20 Sep 2013 10:29 PM (IST)
नई मुसीबत में फंस सकते हैं भाजपा महासचिव अमित शाह

अहमदाबाद। भाजपा महासचिव अमित शाह नई मुसीबत में फंस सकते हैं। 2004 में हुई इशरत जहां मुठभेड़ मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने शुक्रवार को निलंबित आइपीएस अधिकारी डीजी वंजारा से यहां साबरमती जेल में पूछताछ की। एजेंसी ने वंजारा से उनके त्याग-पत्र के बारे में पूछा। वंजारा ने बताया कि वह और अन्य पुलिस अधिकारी केवल राज्य सरकार की 'चेतन नीति' का पालन कर रहे थे। तत्कालीन गृह राज्यमंत्री शाह ने सरकार की नीतियों का पालन करने वाले पुलिस अधिकारियों को छलावे में रखा।

सीबीआइ ने वंजारा को इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले का मुख्य अभियुक्त बनाया है और वह जेल में हैं। सीबीआइ ने पूछा कि त्याग पत्र में उन्होंने क्या-क्या लिखा है? जबाब में उन्होंने पत्र में संकट में फंसे अपने पुलिस अधिकारियों की रक्षा नहीं करने को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भी गलत ठहराया। 59 वर्षीय वंजारा डीआइजी स्तर के अधिकारी हैं। एक सितंबर को उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। त्याग पत्र में उन्होंने इस बात पर अपनी कटुता का इजहार किया है कि आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए राज्य सरकार की 'चेतना नीति' को उन्होंने व जिन अफसरों ने लागू किया मोदी सरकार उनके पीछे खड़े होने में नाकाम रही। वंजारा ने कहा, यह सरकार अमितभाई शाह की गंदी चालों के जरिये दुर्भाग्य से केवल अपना हित साधती रही। इस तरह कि खुद तैरकर निकल गई और हर दिशा में समृद्धि हासिल कर ली जबकि पुलिस अधिकारियों को डूबकर बेमौत मरने के लिए छोड़ दिया। अमित शाह अभी फर्जी मुठभेड़ मामले में जमानत पर हैं।

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