आपके लिए ये जानना बेहद जरुरी, किस तरह आपके डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा फेसबुक

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने लिखा है कि भविष्य में ऐसी चूक दोबारा न हो, इसके लिए फेसबुक में जरूरी बदलाव किए जाएंगे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 23 Mar 2018 10:10 AM (IST) Updated:Fri, 23 Mar 2018 02:07 PM (IST)
आपके लिए ये जानना बेहद जरुरी, किस तरह आपके डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा फेसबुक
आपके लिए ये जानना बेहद जरुरी, किस तरह आपके डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा फेसबुक

नई दिल्ली (जेएनएन)। ऑनलाइन डाटा चोरी के सबसे बड़े मामले में फेसबुक की भूमिका साफ होने के बाद इस सोशल वेबसाइट के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने एक पोस्ट लिखकर इस चूक के लिए माफी मांगी है। उन्होंने लिखा है कि भविष्य में ऐसी चूक दोबारा न हो, इसके लिए फेसबुक में जरूरी बदलाव किए जाएंगे।

क्या था मामला

ब्रिटेन स्थित कैंब्रिज एनालिटिका नाम की डाटा विश्लेषक कंपनी के सहसंस्थापकों और डाटा विश्लेषकों में से एक क्रिस्टोफर वाइली ने कंपनी पर पांच करोड़ फेसबुक यूजर्स का डाटा इकठ्ठा करने का आरोप लगाया। यह डाटा उन यूजर्स की अनुमति या जानकारी के बिना चुराया गया था। कंपनी ने यूजर्स और उनके फेसबुक मित्रों की निजी जानकारी का इस्तेमाल करके उनका दिमागी खाका तैयार किया। इसके हिसाब से ब्रिटेन के ब्रेक्जिट रेफरेंडम और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कंपनी ने राजनीतिक प्रचार किया।

कंपनी को कहां से मिला डाटा

कंपनी को यह डाटा कैंब्रिज के रिसर्चर अलेक्जेंडर कोगन से मिला। कोगन ने फेसबुक के लिए दिस इज योर डिजिटल लाइफ नामक एप बनाया जिसमें लोगों को उनके व्यक्तित्व के बारे में ऑनलाइन टिप्पणियां मिलती हैं। फेसबुक ऐसे एप डेवलपर्स को अनुमति देता है कि वे यूजर्स से उनका निजी डाटा इस्तेमाल करने की अनुमति लेकर एप बना सके।

कोगन का बनाया एप 2.70 लाख लोगों ने डाउनलोड किया। लोगों ने अपने निजी डाटा के साथ अपने मित्रों की भी सीमित जानकारी देने की स्वीकृति देकर एप का इस्तेमाल किया। कुल मिलाकर पांच करोड़ लोगों की निजी जानकारी कोगन के हाथ आ गई। कोगन को जब यह डाटा मिला तो नियमानुसार उन्हें इसका इस्तेमाल सिर्फ एप को डेवलप करने में करना था, लेकिन उन्होंने इसे कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी को बेच दिया।

डाटा चोरी से ऐसे निपटेगा फेसबुक

- फेसबुक अब से अपने प्लेटफॉर्म का पुनरीक्षण करेगा। कंपनी उन सभी एप की पूरी पड़ताल करेगा जिनके पास बड़े पैमाने पर लोगों की जानकारी पहुंच गई है। संदिग्ध गतिविधियां करने वाली किसी भी एप का विस्तृत ऑडिट कराया जाएगा। अगर कोई डेवलपर लोगों की निजी जानकारी से छेड़छाड़ करता पाया गया तो उसे आजीवन फेसबुक से बैन कर दिया जाएगा।

- जिन लोगों का डाटा चोरी हुआ है, फेसबुक उन्हें इस बारे में शिक्षित करेगा। लोगों को बताया जाएगा कि क्या उस एप के जरिए उनका डाटा कैंब्रिज एनालिटिका को भेजा गया था या नहीं। अगर फेसबुक भविष्य में किसी एप को हटाने जा रहा है तो यूजर्स को इसके बारे में सूचित किया जाएगा।

- फेसबुक उन सभी एप की डाटा तक पहुंच बंद कर देगा जिन्हें यूजर्स ने लंबे समय से इस्तेमाल नहीं किया है।

- अपने अगले संस्करण में फेसबुक सुनिश्चित करेगा कि इन एप को इस्तेमाल करने के लिए लोगों को सिर्फ अपना नाम, प्रोफाइल फोटो और ईमेल एड्रेस ही देने पड़ें।

- फेसबुक लोगों को प्रेरित करेगा कि वे अपने द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे एप को मैनेज करना सीखें। फेसबुक इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाएगा जिससे लोगों को पता रहे कि उनका अकाउंट कौन से एप से जुड़ा है और वे इस बात पर नियंत्रण रख सकें कि इन एप को कितनी जानकारी देनी है।  

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