Loan Fraud Case: ICICI बैंक की पूर्व CEO, पति दीपक कोचर और वीएन धूत को 10 जनवरी तक भेजा गया न्यायिक हिरासत में

आईसीआईसीआई बैंक धोखाधड़ी मामले में वीडियोकॉन के सीबीआई की विशेष अदालत ने चंदा कोचर दीपक कोचर और वीएन धूत को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले भी तीनों लोगों की न्यायित हिरासत बढ़ाई जा चुकी है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Thu, 29 Dec 2022 01:47 PM (IST) Updated:Thu, 29 Dec 2022 01:47 PM (IST)
Loan Fraud Case: ICICI बैंक की पूर्व CEO, पति दीपक कोचर और वीएन धूत को 10 जनवरी तक भेजा गया न्यायिक हिरासत में
ICICI बैंक की पूर्व CEO, पति दीपक कोचर और वीएन धूत को 10 जनवरी तक भेजा गया न्यायिक हिरासत में

नई दिल्ली, एजेंसी। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को एक ऋण धोखाधड़ी मामले में 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

कोचर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। धूत को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। तीनों को गुरुवार को उनके पहले के रिमांड के अंत में विशेष न्यायाधीश एसएच ग्वालानी के समक्ष पेश किया गया था। विशेष सरकारी वकील ए लिमोसिन द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए सीबीआई ने आगे उनकी हिरासत की मांग नहीं की। इसके बाद अदालत ने तीनों आरोपियों को 10 जनवरी, 2023 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

ICICI bank-Videocon loan fraud case | Special CBI court sends Chanda Kocchar, Deepak Kochhar and VN Dhoot to 14-day judicial custody.

— ANI (@ANI) December 29, 2022

बता दें कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आज आईसीआईसीआई बैंक धोखाधड़ी मामले में वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत (ICICI Bank fraud case) को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई के अनुसार यह कार्रवाई बैंक धोखाधड़ी मामले में हो रही है। वहीं इसी मामले में इससे पहले ICICI की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को भी गिरफ्तार किया था। 

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आईसीआईसीआई बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की क्रेडिट नीति का उल्लंघन करते हुए वीएन धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं स्वीकृत की थीं।

सीबीआई के अनुसार, 2009 में चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली एक स्वीकृति समिति ने एक लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके बैंक के नियमों और नीतियों के उल्लंघन में वीआईईएल को 300 करोड़ रुपये का सावधि ऋण स्वीकृत किया।

कर्ज चुकाने के एक दिन बाद धूत ने SEPL के जरिए VIEL से 64 करोड़ रुपये NRL को ट्रांसफर कर दिए।

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