महामारी के साथ भी महामारी के बाद भी, जीवन के साथ जीविका भी जरूरी

आज हम जिस क्वारंटाइन शारीरिक दूरी आदि शब्दों का जिक्र करते हैं और उस पर अमल करते हैं ये सब कुछ सदी पहले आई महामारियों में हमने ही गढ़े थे। एक बार फिर दुनिया महामारी के चपेट में हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Mon, 10 Jan 2022 01:33 PM (IST) Updated:Mon, 10 Jan 2022 01:33 PM (IST)
महामारी के साथ भी महामारी के बाद भी, जीवन के साथ जीविका भी जरूरी
इस वायरस की चुनौती को ध्यान में रखकर करने लगेंगे तो एक दिन इस पर हमारी विजय होगी। फाइल फोटो

नई दिल्‍ली, जेएनएन। अनुशासन इंसानी जिंदगी का अहम हिस्सा है। अपने इसी अनुशासन के बूते ही आज तक मानवता के अस्तित्व पर आंच नहीं आ सकी है। 4.5 अरब वर्ष पहले जब धरती अपने रूप में आई और 3.8 अरब साल पहले जब पहली कोशिका का प्रादुर्भाव हुआ, तब से ज्ञात-अज्ञात अनगिनत आपदाएं-विपदाएं आती रहीं, लेकिन इंसान का बाल भी बांका न कर सकीं। मानव सभ्यता का आधुनिक इतिहास भी ऐसी घटनाओं से भरा पड़ा है, जब महामारियां काल बनकर आईं, न के बराबर चिकित्सा संसाधनों के बावजूद दुनिया पुष्पित-पल्लवित होती रही। हर महामारी के दौरान हमारा यही अनुशासन हमारा रक्षा कवच बना रहा। आज हम जिस क्वारंटाइन, शारीरिक दूरी आदि शब्दों का जिक्र करते हैं और उस पर अमल करते हैं, ये सब कुछ सदी पहले आई महामारियों में हमने ही गढ़े थे। एक बार फिर दुनिया महामारी के चपेट में हैं।

दो साल हो गए। दुनिया का कोई भी कोना इससे अछूता नहीं रहा है। अब कोरोना वायरस का ओमिक्रोन वैरिएंट भारत में तीसरी और दुनिया के कई देशों में चौथी लहर का सूत्रधार बना हुआ है। अध्ययन बताते हैं कि यह संक्रामक तो है, लेकिन डेल्टा जितना खतरनाक नहीं है। इससे राहत की दूसरी बड़ी बात यह है कि इसका पीक बड़ा है, लेकिन बहुत जल्दी आ रहा है। यानी अगर हम महीने भर अनुशासन का परिचय दे दें तो इसका काम तमाम कर सकते हैं। आने वाले दिनों में अन्य वैरिएंट भी सामने आ सकते हैं, लेकिन हमें घबराना नहीं है। विज्ञानी बताते हैं कि जैसे-जैसे दुनिया की प्रतिरक्षा इस वायरस के सभी वैरिएंट्स के खिलाफ मजबूत होती जाएगी, यह सामान्य बनने की ओर बढ़ चलेगा। अब हमें इस वायरस के साथ ही जीना है। मास्क लगाए रखना है। न भीड़ बनने देना है, न उसका हिस्सा बनना है। दिनचर्या और खानपान से लेकर अगर हम अपना हर काम हम इस वायरस की चुनौती को ध्यान में रखकर करने लगेंगे तो एक दिन इस पर हमारी विजय होगी।

जीवन के साथ जीविका भी जरूरी

देश में महामारी की तीसरी लहर तेजी से उछाल मार रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। आगामी कुछ दिनों में यह सामान्य फ्लू की तरह हो जाएगा और हमें इसके साथ जीवन जीने की आदत डालनी होगी।

ऑफिस में ये बातें रखें याद

ई-मीटिंग को प्रमुखता दें यदि कॉन्फ्रेंस रूम में मीटिंग हो तो शारीरिक दूरी रखें और कम से कम लोग हों घर का खाना लेकर जाएं, अपने स्थान पर खाएं और बचे हुए खाने का जिम्मेदारी से निस्तारण करें ऑफिस में एक जगह से दूसरी जगह पर जाने से बचें एक बार ऑफिस के अंदर जाने के बाद बार-बार अंदर-बाहर जाने से बचें

ऑफिस में अपनाएं ये चार नियम

सीढ़ियों से आने-जाने की आदत डालें यदि लिफ्ट में जाना हो तो भी शारीरिक दूरी बनाएं दरवाजे खोलने के लिए कोहनी का इस्तेमाल करें यदि आपने किसी सतह जैसे लिफ्ट बटन, दरवाजों के हैंडल को छुआ है तो अपने हाथों को लगातार सैनिटाइज करते रहें

राशन या दवाई लेने जाएं तो अपने साथ बैग लेकर जाएं, प्रवेश स्थान पर ही सारे पैकेट्स निकालें, सैनिटाइज करें और सामग्री निकालें सब्जियों को सफेद विनेगर में धोएं, पानी का घोल 1:4 के अनुपात में हो

सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें तो.. सुनिश्चित करें कि वाहन चालक दल के सदस्यों सहित सभी यात्री मास्क पहनें यात्रा से पूर्व अपने हाथों को सैनिटाइज करें सुनिश्चित करें कि शारीरिक दूरी बनी रहे एसी को बंद रखें और ताजी हवा के लिए खिड़कियां खोल दें

ऑफिस से जब घर जाएं रास्ते में मास्क लगाएं रखें जूतों को घर के बाहर खोलें और प्रवेश करने से पहले बैग को बाहर रखें हाथों को अच्छे से धोएं, नहा लें

घर से करें शुरुआत अपने हाथों को सैनिटाइज करें, हमेशा अपने पास सैनिटाइजर रखें अपनी कार या दूसरे वाहन को छू रहे हैं तो सैनिटाइजर का प्रयोग करें मास्क लगाकर रखें तापमान लें, यदि बुखार हो तो डॉक्टर से संपर्क करें, घर पर रहें

जीवन बहुत अनमोल

कोरोना संक्रमण के लक्षण हर किसी में दिखाई नहीं देते हैं। आपके आसपास कोई भी व्यक्ति कोविड-19 का वाहक हो सकता है। आप खुद भी कोविड-19 के वाहक हो सकते हैं। इसलिए खुद को इस तरह से प्रशिक्षित कीजिए कि न आप किसी को संक्रमित करें और न ही संक्रमित हों।

हमेशा यह याद रखें भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें, हाथ न मिलाएं, नमस्ते सबसे बेहतर अभिवादन किसी के साथ भी भोजन, पानी और ऑफिस स्टेशनरी साझा न करें गीली अंगुलियों से पेज न पलटें, न नोट आदि गिनें, थूकें नहीं हाथों पर कफ न आने दें (खांसते या छींकते वक्त कोहनी या टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें)

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