अब यदि ई-टिकट नहीं बना तो नहीं अटकेगा पैसा

इंडियन रेलवे कैटरिंग टूरिज्म कॉरपोरेशन (आइआरसीटीसी) का ई-टिकट बनवाते समय अब पैसा विदेशों में नहीं अटकेगा। अक्सर ऐसा होता है कि पैसा कट जाता है पर टिकट नहीं बन पाता। बैंकों का टाईअप विदेशी कंपनियों से होने के कारण तकनीकी कारणों से टिकट का पैसा अटक जाता है।

By Edited By: Publish:Wed, 17 Jul 2013 08:17 AM (IST) Updated:Wed, 17 Jul 2013 08:47 AM (IST)
अब यदि ई-टिकट नहीं बना तो नहीं अटकेगा पैसा

अंबाला [दीपक बहल]। इंडियन रेलवे कैटरिंग टूरिज्म कॉरपोरेशन (आइआरसीटीसी) का ई-टिकट बनवाते समय अब पैसा विदेशों में नहीं अटकेगा। अक्सर ऐसा होता है कि पैसा कट जाता है पर टिकट नहीं बन पाता। बैंकों का टाईअप विदेशी कंपनियों से होने के कारण तकनीकी कारणों से टिकट का पैसा अटक जाता है। इससे निजात दिलाने के लिए आइआरसीटीसी अपने यूजर्स का इंटरनेट पर एकाउंट खोलेगी, जिसके बाद एटीएम, डेबिट या अन्य कार्ड की जरूरत नहीं रहेगी।

आइआरसीटीसी के एमडी मुकेश टंडन का कहना है कि ट्रायल जारी है। योजना लागू होने में तीन महीने लग जाएंगे। बैंकों का विदेशी कंपनी वीजा या मास्टर कार्ड से टाईअप है। रेलवे की वेबसाइट पर ई-टिकट बनवाते समय पेमेंट यूजर के बैंक एकाउंट से कटती है, लेकिन ये पेमेंट विदेशी कंपनियों के माध्यम से आइआरसीटीसी के पास पहुंचती है। यदि पेमेंट मिलने में देरी हो या फिर तकनीकी कारण से वेबसाइट धीमी हो तो टिकट नहीं बन पाता और पेमेंट बैंक अकाउंट से कटकर विदेशी कंपनी के पास अटक जाती है। इसके बाद रिफंड लेने के लिए मुसाफिरों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। आइआरसीटीसी जल्द ही रोलिंग डिपॉजिट स्कीम (आरडीएस) लांच करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत आइआरसीटीसी अपने यूजर्स का कंप्यूटर पर एकाउंट खोल देगी, जिसके बाद इसी अकाउंट से ई-टिकट बनवाई जा सकेगी। इस अकाउंट में इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से रुपये ट्रांसफर होंगे ताकि टिकट बनवाते समय सीधे रुपये आइआरसीटीसी के पास पहुंचे। यदि तकनीकी कारणों से टिकट नहीं बनेगा तो अपने आप एकाउंट में रुपये ट्रांसफर हो जाएंगे। पांच सौ यूजर के अकाउंट इस स्कीम के तहत बनाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से पैसा फंसने की शिकायतें आने लगी थीं।

टिकट में भी होगी रियायत

विदेशी कंपनियां एक हजार रुपये पर करीब 18 रुपये चार्ज कर रही हैं लेकिन आइआरसीटीसी के अकाउंट पर इसका चार्ज कम होगा। देश में आइआरसीटीसी के करीब ढाई करोड़ यूजर्स हैं। इनमें से रोजाना करीब साढ़े चार लाख यूजर्स ई-टिकट बनवाते हैं, जबकि एक लाख टिकट रद कराते हैं। इस योजना से सभी को फायदा मिलेगा।

इस तरह खोल सकेंगे अकाउंट

भारतीय रेलवे की ई-टिकट खुद बनाने के लिए पहले आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर यूजर बनना होगा। इसके बाद वेबसाइट पर अकाउंट खोलने का तरीका बताया जाएगा।

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