जानिए, रात के समय क्यों बढ़ जाती है गगनचुंबी इमारतों की लंबाई

विज्ञान सिर्फ जटिल फार्मूलों और प्रयोगशालाओं के बड़े-बड़े प्रयोगों में ही नहीं बल्कि हमारे दैनिक जीवन में भी है। बस इसे समझने की जरूरत है।

By Brij Bihari ChoubeyEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 12:17 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 06:46 PM (IST)
जानिए, रात के समय क्यों बढ़ जाती है गगनचुंबी इमारतों की लंबाई
जानिए, रात के समय क्यों बढ़ जाती है गगनचुंबी इमारतों की लंबाई

नई दिल्ली (जेएनएन)। हम जिधर भी नजर दौड़ाएं, विज्ञान और उसकी तरक्की हर तरफ नजर आएगी। यह ब्रह्मांड की बड़ी-बड़ी गुत्थियों को सुलझाने के साथ-साथ रोजमर्रा के जीवन की छोटी-मोटी समस्याओं का भी निदान करता है। रोटी क्यों फूलती है, इसे समझने के लिए भी हमें विज्ञान की मदद लेनी पड़ेगी और कोई रॉकेट पृथ्वी कक्षा में कैसे घूमता है, यह जानने के लिए भी उसकी शरण में जाना होगा।

घर गर्म रखने के लिए कितने लोगों की जरूरत

कई बार विज्ञान को अजीबोगरीब सवालों का भी सामना करना पड़ता है। मसलन, हीटर का प्रयोग किए बिना किसी को अपना घर गर्म रखने के लिए कितने लोगों की जरूरत पड़ती है। तो चलिए, सबसे पहले इसी प्रश्न को हल करते हैं। इनसान के शरीर से हीट उत्पन्न होता है, लेकिन एक आदमी कुछ नहीं कर सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार घर को गर्म रखने के लिए चलते-फिरते 70 लोग और स्थिर अवस्था में 140 लोगों की जरूरत होगी। एक इनसानी शरीर से औसतन 100-200 वाट का हीट निकलता है।

लोगों के वजन से दब जाती हैं गगनचुंबी इमारतें

वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि 50 हजार लोगों की क्षमता वाली 1300 फुट ऊंची इमारत दिन में 1.5 मिलीमीटर सिकुड़ जाती है। यानी रात के समय इमारत की लंबाई इतना ही बढ़ जाती है क्योंकि उस दौरान वह खाली रहती है और उस पर हजारों लोगों का दबाव नहीं रहता है।

हवा से ज्यादा ठंडा क्यों होता है पानी

जाड़े के दिनों में वैसे तो लोग गर्म पानी से नहाते हैं लेकिन जो नल के पानी से नहाते हैं उन्हें मालूम है कि वह हवा से ज्यादा ठंडा होता है। जानते हैं क्यों। क्योंकि पानी में आपका शरीर हवा के मुकाबले 25 गुना ज्यादा हीट रिलीज करता है। इसकी वजह यह है कि हवा के मुकाबले पानी का घनत्व ज्यादा है। इसलिए उसके तापमान को थोड़ा सा भी बढ़ाने के लिए ज्यादा हीट की जरूरत होती है।

बच्चों के शरीर में वयस्कों से ज्यादा पानी

यह बात तो हम सभी जानते हैं कि इनसान के शरीर का ज्यादातर हिस्सा पानी है, लेकिन क्या आपको यह मालूम है कि नवजात बच्चे में वयस्क के मुकाबले ज्यादा पानी होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार नवजात बच्चे के शरीर का 80 फीसदी हिस्सा पानी होता है। एक साल को होने के बाद यह घटने लगता है और 65 फीसदी पर आ जाता है, जबकि एक वयस्क के शरीर में 60 फीसदी पानी होता है। इसकी वजह यह है कि नवजात बच्चे में चर्बी नहीं होती है। जैसे-जैसे वह बढ़ने लगता है, चर्बी भी बढ़ने लगती है। जिन लोगों को ज्यादा चर्बी होती है उनमें पानी की मात्रा कम पाई जाती है।

पॉलिश करने से क्यों चमकता है जूता

चमड़े पर अगर पानी नहीं की जाए तो उसकी सतह खुरदरी हो जाती है। इससे टकराने वाली प्रकाश की किरणें छिटक जाती हैं। इसलिए वह धूमिल नजर आता है। पॉलिश करने से चमड़े की सतह की खुरदुरी जगहें उसी तरह भर जाती हैं जैसे सड़क की मरम्मत करने पर उसके गड्ढ़े। पॉलिश करने के बाद जब उस पर सूरज की किरणें पड़ती हैं तो वे आपकी आंखों की ओर वापस आती हैं। इसलिए जूते की सतह चमकीली नजर आती है।

रोटी क्यों फूलती है

गेहूं में ग्लूटेन नामक एक प्रोटीन पाया जाता है। जब गेहूं के आटे को पानी से गूंथा जाता है तो ग्लूटेन के साथ एक परत बन जाती है। यह परत अपने अंदर कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस सोख लेती है। जब रोटी को तवे पर पकाया जाता है तो इसी गैस की वजह से वह फूल जाती है। बाजरा, चना या दूसरे अनाज में ग्लूटेन नहीं पाया जाता है इसलिए इनकी रोटियां गेहूं के आटे की रोटियों की तरह नहीं फूलतीं।

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