Indian Railways: जरूरी हो तो ही बुक कराएं ऑनलाइन रेल टिकट, नहीं तो होगा आपका नुकसान
दूसरी वजह यह है कि रेलवे की तरफ से अभी तक तय नहीं है कि 15 अप्रैल से ट्रेनें चलेंगी भी या नहीं। ऐसे में बहुत जरूरी होने पर ही ऑनलाइन टिकट बुक कराएं।
भोपाल, जेएनएन। जरूरी हो तो ही ऑनलाइन रेल टिकट बुक कराएं। इसकी दो वजह हैं। एक तो बुक कराते समय लिया जा रहा सुविधा शुल्क ट्रेनों के निरस्त होने के बावजूद वापस नहीं होगा। हालांकि, मूल किराया पूरा मिल जाएगा। दूसरी वजह यह है कि रेलवे की तरफ से अभी तक तय नहीं है कि 15 अप्रैल से ट्रेनें चलेंगी भी या नहीं। ऐसे में बहुत जरूरी होने पर ही ऑनलाइन टिकट बुक कराएं।
एसी का ऑनलाइन टिकट लेने पर लगने वाले 30 रुपये और नॉन एसी का टिकट लेने पर लगने वाले 15 रुपये वापस नहीं होंगे। दरअसल, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पाेरेशन 15 अप्रैल व उसकी बाद की अवधि का ऑनलाइन टिकट बेच रहा है। टिकट ऐसे समय में बेचे जा रहे हैं, जब ट्रेनों के चलने पर निर्णय होना बाकी है। हालांकि, एक पक्ष यह भी है कि यदि 15 अप्रैल से ट्रेनें चलने लगती हैं तो ऐनवक्त पर बुकिंग की झंझट से छुटकारा मिल जाएगा।
इस संबंध में भारतीय रेलवे के इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पाेरेशन (आईआरसीटीसी) के अधिकारियों का कहना है कि सॉफ्टवेयर के मेंटेनेंस पर लाखों रुपये खर्च होते हैं। इसके लिए सुविधा शुल्क लेना पड़ रहा है। यात्री अपनी मर्जी से टिकट बुक करवा रहे हैं। आईआरसीटीसी किसी को टिकट बुक कराने के लिए फिलहाल प्रोत्साहित नहीं कर रहा है। असल में आईआरसीटीसी रोजाना सवा लाख रेल टिकट बेचकर उनसे करीब 22 लाख रुपये सुविधा शुल्क के बतौर ले रहा है। इस पर कई यात्रियों ने आपत्ति दर्ज कराई है।
बिना ट्रेनें चलाए ही कमाई पर उठे थे सवाल
बीते दिनों ऐसी खबरें आई थीं कि कोरोना संकट के दौर में रेलवे ई-टिकटों की बिक्री करके रोजाना लाखों रुपये कमा रहा है। ऐसा तब हो रहा है जब 15 अप्रैल से ट्रेनों के चलने पर कोई फैसला भी नहीं हुआ है। सनद रहे कि रेलवे ने ट्वीट के माध्यम से यह भी साफ कर चुका है कि ट्रेनों सेवाएं शुरू करने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है। यहा बता दें कि मीडिया रिपोर्टों में सवाल उठाया गया था कि जब ट्रेनें चलनी तय नहीं हैं तो रेलवे ऑनलाइन टिकट क्यों बेच रहा है। यदि ई-टिकटों की बुकिंग बंद रहती तो लोग भी बुकिंग नहीं कराते। ऐसे में तो सुविधा शुल्क के तौर पर लोग घर की नुकसान उठाना पड़ रहा है।