अनिल देशमुख की क्लीन चिट की रिपोर्ट लीक, कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ दिए जांच के आदेश

दिल्ली कोर्ट ने कहा ऐसा लगता है कि सीबीआइ ने गाड़ी खींचने वाले इंजन/घोड़े को छोड़ दिया है और केवल गाड़ी में यात्रा करने वालों पर ही आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि इंजन या घोड़े द्वारा खींचे बिना गाड़ी की सवारी या साजिश संभव नहीं होती।

By Neel RajputEdited By: Publish:Thu, 23 Dec 2021 02:54 PM (IST) Updated:Thu, 23 Dec 2021 03:04 PM (IST)
अनिल देशमुख की क्लीन चिट की रिपोर्ट लीक, कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ दिए जांच के आदेश
सीबीआइ की प्रारंभिक जांच में देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट दी गई थी

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली की अदालत ने सीबीआइ की प्रारंभिक जांच लीक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने सीबीआइ को देशमुख की भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया है। बता दें कि अनिल देशमुख पर लगे वसूली के आरोपों की जांच चल रही है। सीबीआइ की प्रारंभिक जांच में देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट दी गई थी।

कोर्ट ने कहा कि सीबीआइ के आरोप-पत्र में भले ही देशमुख को आरोपी ना बनाया गया हो, लेकिन वह बड़े षडयंत्र का हिस्सा हो सकते हैं क्योंकि प्रारंभिक जांच की सामग्री लीक होने से सबसे ज्यादा फायदा उन्हें ही होता नजर आ रहा है।

कोर्ट ने कहा, ऐसा लगता है कि सीबीआइ ने गाड़ी खींचने वाले इंजन/घोड़े को छोड़ दिया है और केवल गाड़ी में यात्रा करने वालों पर ही आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि इंजन या घोड़े द्वारा खींचे बिना गाड़ी की सवारी या साजिश संभव नहीं होती। स्पष्ट सबूत होने के बावजूद, ऐसा लगता है कि कारणों को अच्छी तरह से जानते हुए भी सीबीआइ ने सिर्फ इशारों पर काम करने वालों को ही आरोपी बनाया जबकि डोर थामने वाले मास्टर माइंड व्यक्ति को छोड़ दिया है। 

कोर्ट ने सीबीआइ को निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले में अनिल देशमुख की भूमिका की पूरी तत्परता के साथ और सावधानीपूर्वक एक समयबद्ध तरीके से जांच की जाए। कोर्ट ने सीबीआइ को चार हफ्ते में बिना किसी विफलता के स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

29 अगस्त को, एक रिपोर्ट जो कथित तौर पर सीबीआई द्वारा की गई प्रारंभिक जांच का हिस्सा थी, मीडिया में लीक हो गई थी। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि एजेंसी ने निष्कर्ष निकाला था कि अनिल देशमुख द्वारा कोई संज्ञेय अपराध नहीं किया गया है। सीबीआइ ने जांच में पाया कि देशमुख के कानूनी दल ने सीबीआइ के कुछ निचली रैंक वाले अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश थी। मामले में संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर भी जांच चल रही है कि क्या दस्तावेजों में हेराफेरी की साजिश में और लोग भी शामिल थे।

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