अमेरिका के विरोध के बावजूद रूस से भारत खरीदेगा एस-400 मिसाइल

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार चार साल के भीतर ये मिसाइल देश की सुरक्षा के लिए तैनात कर दी जाएगी।

By Manish NegiEdited By: Publish:Fri, 13 Jul 2018 10:28 PM (IST) Updated:Fri, 13 Jul 2018 10:29 PM (IST)
अमेरिका के विरोध के बावजूद रूस से भारत खरीदेगा एस-400 मिसाइल
अमेरिका के विरोध के बावजूद रूस से भारत खरीदेगा एस-400 मिसाइल

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों पर हमला करने वाली जिस एंटी मिसाइल प्रणाली को रूस से खरीदने पर बात चल रही है, यह सौदा सम्पन्न होने की कगार पर है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार चार साल के भीतर ये मिसाइल देश की सुरक्षा के लिए तैनात कर दी जाएगी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां पत्रकारों से एक बातचीत में साफ किया कि अमेरिका द्वारा इस मिसाइल को हासिल करने पर किये जा रहे एतराज को भारत कभी नहीं मान सकता। रक्षा मंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि उन्होंने अमेरिकी सासंदों और अधिकारियों से साफ कहा है कि रूस के साथ रक्षा सम्बन्ध रखने वाले कैटसा कानून को भारत नहीं मानता है क्योंकि यह अमेरिकी कानून है भारत का नहीं। उन्होंने अमेरिका से यह भी कहा है कि रूस और भारत के रक्षा संबंध दशकों पुराने हैं और इसमें किसी तरह की अड़चन नहीं पैदा की जा सकती।

बता दें कि रूस से इस मिसाइल को खरीदने के लिये कई सालों से बातचीत चल रही थी और अब यह सौदेबाजी के निर्णायक दौर में पहुंच गई है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने कैटसा यानि काउंटरिंग अमेरिकन एडर्वसर्रीज थू्र सैंक्शंस एक्ट) पारित किया है जिसके जरिये वह सभी देशों को धमकी दे रहा है कि रूस से कोई रक्षा साजो सामान खरीदा तो उस देश के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

गौरतलब है कि एस-400 एंटी मिसाइल प्रणाली दुश्मन की किसी भी हमलावर बैलिस्टक मिसाइल को आसमान में ही करीब 250 किलोमीटर दूर तक ध्वस्त कर सकती है। चीन और पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइलों को भारत के शहरों पर गिरने से रोकने के इरादे से एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद का अहम फैसला लिया गया है। ऐसी पांच एंटी मिसाइल खरीदने पर बातचीत चल रही है जिस पर पौने छह अरब डालर की लागत आ सकती है।

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