US Report: 'बेहद पक्षपातपूर्ण', भारत ने मानवाधिकार पर अमेरिका की रिपोर्ट को सिरे से किया खारिज

भारत ने गुरुवार को मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन वाली अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि यह रिपोर्ट बेहद पक्षपातपूर्ण है और यह भारत के प्रति उनकी खराब समझ को प्रदर्शित करता है। हम इसे कोई महत्व नहीं देते और आपसे भी ऐसा ही करने का अनुरोध करते हैं।

By AgencyEdited By: Publish:Thu, 25 Apr 2024 06:09 PM (IST) Updated:Thu, 25 Apr 2024 06:11 PM (IST)
US Report: 'बेहद पक्षपातपूर्ण', भारत ने मानवाधिकार पर अमेरिका की रिपोर्ट को सिरे से किया खारिज
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (फोटो: एक्स)

HighLights

  • भारत के प्रति उनकी खराब समझ: अमेरिकी रिपोर्ट पर बोले रणधीर जायसवाल
  • अमेरिकी विश्वविद्यालयों में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर भारत की नजर: MEA

एएनआई, नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन वाली अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया। अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि मणिपुर में जातीय हिंसा फैलने के बाद राज्य में व्यापक तौर पर मानवाधिकारों का हनन हुआ है। इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में बीबीसी दफ्तर में इनकम टैक्स अधिकारियों की छापेमारी और राहुल गांधी से जुड़े एक मामले का भी उल्लेख है।

भारत ने US की रिपोर्ट की खारिज

भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की रिपोर्ट को पक्षपातपूर्ण करार देते हुए उसे सिरे से खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा,

यह रिपोर्ट बेहद पक्षपातपूर्ण है और यह भारत के प्रति उनकी खराब समझ को प्रदर्शित करता है। हम इसे कोई महत्व नहीं देते और आपसे भी ऐसा ही करने का अनुरोध करते हैं।

#WATCH | On the US State Department report on Human Rights, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "This report is deeply biased and reflects a poor understanding of India. We attach no value to it and urge you to do the same." pic.twitter.com/4XIHgnoswP

— ANI (@ANI) April 25, 2024

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अमेरिकी विश्वविद्यालयों में हो रहे विरोध प्रदर्शन

कोलंबिया विश्वविद्यालय और अमेरिका के अन्य विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन को लेकर रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने रिपोर्ट देखी हैं और संबंधित घटनाओं पर हमारी नजर है। प्रत्येक लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जिम्मेदारी की भावना और सार्वजनिक सुरक्षा एवं व्यवस्था के बीच सही संतुलन होना चाहिए।

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