दाऊद की 'सरकार', गुर्गों के परिवारों को मिलती है पेंशन

लंबे समय से भारत से फरार डी कंपनी का सरगना दाऊद इब्राहिम अपने लिए काम करने वाले गुर्गों का बड़ा ध्यान रखता है। पुलिस एनकाउंटर में मारे गए या जेल में बंद अपने गुर्गों के बच्चों का कॉलेज और स्कूलों में एडमिशन कराने और पारिवारिक विवादों को सुलझाने के साथ-साथ

By Gunateet OjhaEdited By: Publish:Mon, 07 Dec 2015 07:41 PM (IST) Updated:Mon, 07 Dec 2015 07:42 PM (IST)
दाऊद की 'सरकार', गुर्गों के परिवारों को मिलती है पेंशन

नई दिल्ली/मुंबई। लंबे समय से भारत से फरार डी कंपनी का सरगना दाऊद इब्राहिम अपने लिए काम करने वाले गुर्गों का बड़ा ध्यान रखता है। पुलिस एनकाउंटर में मारे गए या जेल में बंद अपने गुर्गों के बच्चों का कॉलेज और स्कूलों में एडमिशन कराने और पारिवारिक विवादों को सुलझाने के साथ-साथ उनके परिवारों को पेंशन भी देता है।

एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, भारतीय खुफिया एजेंसियों को हाल में प्राप्त तथ्यों से पता चला है कि डी कंपनी का नेटवर्क जेल में बंद गुर्गों या फिर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए गुर्गों के परिवारों की देखभाल कर रहा है। फिरौती के मुख्य काम के अलावा डी कंपनी पारिवारिक विवादों के समाधान और छोटे-मोटे मामलों का भी निपटारा करने में लगी है।

इस साल की शुरुआत में फोन पर एक बातचीत को पकड़ा गया था, जिसमें दाऊद की एक सहयोगी महिला मुंबई में एक संपर्क के बारे में पूछ रही थी, ताकि उसके गैंग के एक गुर्गे की बेटी को समय पर रुपए पहुंचाए जा सकें क्योंकि उसका पिता जेल में बंद था।

अप्रैल में ही एक अन्य बातचीत में पता चला कि एक बुजुर्ग महिला छोटा शकील से कह रही थी कि उसको इस बार महीने का पैसा नहीं मिला है। इस पर उसने मुंबई में अपने एक सहयोगी से मिलने को कहा। शकील को अपने एक सहयोगी से कहते हुए सुना गया कि वह कल्याण जेल में बंद एक गुर्गे के परिवार को 10 हजार रुपए महीने पेंशन भेजना शुरु कर दे।

शकील खुद पारिवारिक मामलों और विवदों के निपटारे में सक्रिय रूप से शामिल है। एक बार उसे दूर के एक संबंधी का कॉल आया था कि उसकी बेटी को उसके ससुराल में प्रताडि़त किया जा रहा है। तब उसने लड़की के पति का फोन नंबर देने को कहा था। उसके बाद उसने अपने संबंधी को आश्वस्त किया था कि उसके मामले का निपटारा हो जाएगा।

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