.तो फिर दागदार नहीं होती दिल्ली

स्टेट एंट्री रोड पर स्थित जिस रेलवे अधिकारी क्लब में विदेशी महिला के साथ आठ युवकों ने लूटपाट के बाद सामूहिक दुष्कर्म किया, वहां तैनात रहने वाला सुरक्षाकर्मी नदारद था। क्लब का गेट भी बंद रहता था, लेकिन सोमवार रात क्लब में पार्टी होने के कारण गेट खुला छोड़ दिया गया था। क्लब का गेट मंगलवा

By Edited By: Publish:Thu, 16 Jan 2014 09:26 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jan 2014 10:31 AM (IST)
.तो फिर दागदार नहीं होती दिल्ली

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। स्टेट एंट्री रोड पर स्थित जिस रेलवे अधिकारी क्लब में विदेशी महिला के साथ आठ युवकों ने लूटपाट के बाद सामूहिक दुष्कर्म किया, वहां तैनात रहने वाला सुरक्षाकर्मी नदारद था। क्लब का गेट भी बंद रहता था, लेकिन सोमवार रात क्लब में पार्टी होने के कारण गेट खुला छोड़ दिया गया था।

क्लब का गेट मंगलवार को खुला रहने से सात आरोपी क्लब के अंदर एक कोने में बने वाटिका में छिपकर नशीले पदार्थो का सेवन कर रहे थे, जबकि उनका एक साथी क्लब के बाहर खड़ा था। उसी ने विदेशी महिला द्वारा पता पूछने पर धोखे से गलत जानकारी देकर क्लब में ले आया। बता दें कि वारदात स्थल के चारों तरफ 10-15 अशोक के पेड़ लगे हैं। पेड़ों से घिरा होने से दिन में भी यहां अंधेरा रहता है। उसके आसपास कुछ भी नहीं है जिससे शोर मचाने पर भी किसी को घटना के बारे में जानकारी मिल पाए।

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सोमवार रात क्लब में मनी थी लोहड़ी :

क्लब में जब कोई आयोजन होता है तो टेंट लगाए जाते हैं। बताया जा रहा है कि सोमवार की रात क्लब के अंदर लोहड़ी के लिए कार्यक्रम रखा गया था। जिससे परिसर में टेंट लगाए गए थे। मंगलवार सुबह छुट्टी होने से क्लब के सभी कर्मचारी नहीं आए। इससे दोनों गेट खुला हुआ था। वहीं कुछ लोग टेंट का सामान निकाल रहे थे। यह भी हो सकता है कि वारदात को अंजाम देने वाले क्लब में टेंट लगाने वाले मजदूर या वेटर रहे हों। अगर क्लब का गेट खुला नहीं होता तो शायद दरिंदों को वारदात के लिए सुरक्षित जगह नहीं मिलती।

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नहीं लगाए गए सीसीटीवी कैमरे :

सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि स्टेट एंट्री रोड पर दोनों तरफ रेलवे अधिकारियों के ऑफिस, क्लब, अधिकारी विश्रम गृह आदि कई ऑफिस हैं। बावजूद इसके न तो सड़क के एंट्री प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और न ही क्लब में कहीं भी कैमरे लगे हैं। इसके अलावा क्लब में निजी सुरक्षा गार्ड भी तैनात नहीं था।

उधर, उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नीरज शर्मा के मुताबिक क्लब में सुरक्षा गार्ड की तैनाती थी। गार्ड को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जा रहा है। उसका कहना है कि क्लब में महिला के साथ दुष्कर्म ही नहीं किया गया। पीड़ित महिला ने जगह की पहचान नहीं कराई है।

मेडिकल जांच को तैयार नहीं हुई महिला :

विदेशी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी रात करीब आठ बजे क्लब के दूसरे कोने में शौचालय की तरफ बने छोटे रास्ते से निकलकर भाग गए। गेट बंद होने की वजह से विदेशी महिला आधे घंटे तक बाहर निकलने का रास्ता ही ढूंढती रही। बाद में गेट पर चढ़कर किसी तरह कूदकर बाहर निकली।

वह करीब साढ़े नौ बजे पैदल अपने होटल पहुंची और घटना की जानकारी मैनेजर को दी। मैनेजर उसे साथ लेकर पहाड़गंज थाने पहुंचा। विदेशी महिला ने थाने में शिकायत दी। इसकी सूचना मिलते ही संयुक्त आयुक्त व डीसीपी समेत तमाम अधिकारी थाने पहुंच गए। विदेशी महिला को मेडिकल कराने के लिए कहा गया, लेकिन वह तैयार नहीं हुई। इसके बाद पुलिस आयुक्त के निर्देश पर बिना मेडिकल रिपोर्ट के ही मामला दर्ज कर लिया गया।

दूतावास को भी दी जानकारी :

बुधवार सुबह सात बजे विदेशी महिला की फ्लाइट थी। पुलिस ने एयरपोर्ट ले जाकर छोड़ दिया। बाद में पुलिस ने उसे एफआइआर की कॉपी देकर रिसीव भी करा लिया। रवाना होने से पहले महिला ने डेनमार्क दूतावास को भी घटना के बारे में सूचना दे दी।

सीसीटीवी से सुराग ढूंढने की कोशिश :

पुलिस ने मौके से शराब की बोतलें व खाने का सामान बरामद किया है। पुलिस पहाड़गंज व अजमेरी गेट पर बैठे स्मैकिए, भिखारी व जेबतराशों को हिरासत में ले पूछताछ कर रही है। प्लेटफार्म नंबर एक पर लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज से भी सुराग ढूंढने की कोशिश की जा रही है। जिस क्लब के अंदर वारदात हुई उसके बाहर रेलवे का निर्माण कार्य चल रहा है। वहां काम कर रहे मजदूरों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है।

वैज्ञानिक तरीके से सबूत जुटाने में जुटी पुलिस :

विदेशी महिला से सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म की घटना के तरह वैज्ञानिक तरीके से सुबूत जुटाने में जुट गई है। लिहाजा जांच टीम ने उसी अनुसार आरोपियों का फिंगर प्रिंट व डीएनए जांच के लिए नमूने लिए जा रहे हैं। वहीं इस मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों व हिरासत में लिए गए अन्य दो से पूछताछ में जुटी है।

सामूहिक दुष्कर्म ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है। पुलिस कमिश्नर के सुरक्षा के लाख दावों के बावजूद घटना से एक बार फिर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ गई। बता दें कि वसंत विहार की घटना के बाद केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस के कई स्तर पर दावे किए थे कि राजधानी में वैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी। लेकिन फिर बड़ी घटना हो गई। वह भी अति सुरक्षित जिले में। जबकि 26 जनवरी को लेकर कई दिनों से चाक चौबंद व्यवस्था की गई है।

दुष्कर्म के मामलों की समीक्षा करेगी सरकार :

डेनमार्क की महिला से सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद हरकत में आई दिल्ली सरकार ने कहा है कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अब तक हुए दुष्कर्म के मामलों का विश्लेषण कराया जाएगा और उन हालात की समीक्षा की जाएगी, जिनके चलते ऐसी घटनाएं होती हैं। केजरीवाल ने कहा कि इसके अलावा जल्द ही उपराज्यपाल के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात कर दुष्कर्म के मामलों में आरोपियों को तय और कम से कम समय में सजा देने की मांग की जाएगी। सुबह डेनमार्क की महिला से दुष्कर्म की खबर मिलने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उपराच्यपाल से मिलने गए और बाद में बताया कि तय हुआ है कि अगले सप्ताह एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें पुलिस आयुक्त भी शामिल होंगे। केजरीवाल ने कहा कि उन इलाकों की पहचान कर जहां ऐसी घटनाएं होती हैं, वहां सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाएंगे।

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