पंजाब में मिला यूके वैरिएंट एक बड़ा खतरा, सीएसआइआर सीसीएमबी के निदेशक ने किया आगाह

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के कोशिका एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र के निदेशक राकेश मिश्र ने कहा है कि पंजाब में मिला कोरोना वायरस का यूके वैरिएंट संभावित खतरा है क्योंकि यह बहुत तेजी से फैलता है! उन्‍होंने आने वाले खतरे के प्रति आगाह भी किया है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 03 Apr 2021 10:48 PM (IST) Updated:Sun, 04 Apr 2021 12:48 AM (IST)
पंजाब में मिला यूके वैरिएंट एक बड़ा खतरा, सीएसआइआर सीसीएमबी के निदेशक ने किया आगाह
सीसीएमबी के निदेशक की मानें तो पंजाब में मिला कोरोना वायरस का यूके वैरिएंट संभावित खतरा है...

नई दिल्ली, आइएएनएस। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के कोशिका एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) के निदेशक राकेश मिश्र ने कहा है कि पंजाब में मिला कोरोना वायरस का यूके वैरिएंट संभावित खतरा है क्योंकि यह बहुत तेजी से फैलता है जबकि महाराष्ट्र में पाया गया वायरस का डबल म्यूटेंट वैरिएंट चिंता का कारण तो है, लेकिन घबराहट पैदा करने वाला नहीं है।

इसलिए बढ़े पंजाब में मामले

राकेश मिश्र ने कहा कि पंजाब में संक्रमितों की संख्या में आए उछाल में यूके वैरिएंट का योगदान है। उन्होंने कहा यूनाइटेड किंग्डम यानी ब्रिटेन से कोई व्यक्ति या समूह में कुछ लोग पंजाब आए होंगे और राज्य में विभिन्न जगहों पर फैल गए होंगे। इसकी वजह से ही राज्य में मामले बढ़े हैं।

आगे अभी बड़ी चुनौतियां बाकी

यह पूछे जाने पर कि पंजाब के पड़ोसी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में यूके वैरिएंट क्यों नहीं पाया गया है, उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इस वैरिएंट से संक्रमित लोग पंजाब से बाहर नहीं गए हों या ऐसे किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हों जो तेज प्रसार का कारण बने। हालांकि, आगे संक्रमण और तेजी के साथ फैलने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।

तेजी से फैल रहा नया वैरिएंट

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के 15-20 फीसद नमूनों में डबल म्यूटेंट वैरिएंट(ई484क्यू और एल452आर) पाया गया। इनमें से एल452आर वैरिएंट अमेरिका के कैलिफोर्निया में पाया गया गया था। वहां के विज्ञानियों का मानना था कि यह वैरिएंट तेजी से फैलता है। जबकि, ई484क्यू से मिलता-जुलता वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में पाया जा चुका है जिस पर जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन भी कारगर नहीं है।

डबल म्यूटेंट वैरिएंट बेहद खतरनाक

राकेश मिश्र ने कहा कि अगर डबल म्यूटेंट वैरिएंट पर वैक्सीन का असर नहीं पड़ता तो लोगों के दोबारा संक्रमित होने के मामले बढ़ते लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। अभी ऐसे भी कुछ सुबूत नहीं मिले हैं, जिससे डबल म्यूटेंट और महाराष्ट्र में बढ़ रहे मामलों के बीच कोई संपर्क स्थापित होता हो।

नए वैरिएंट पर दोनों वैक्सीन कारगर

राकेश मिश्र ने कहा कि पंजाब में मिले यूके वैरिएंट और महाराष्ट्र में मिले डबल म्यूटेंट के खिलाफ दोनों वैक्सीन (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) के प्रभावी होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि वैक्सीन के साथ ही लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों का भी पूरी तरह से पालन करना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क नहीं जाना चाहिए, शारीरिक दूरी बनाकर रखनी चाहिए और कुछ अंतराल पर अच्छी तरह से हाथ धोते रहना चाहिए।

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