विमान में त्रिशूल ले जाने पर राधे मां से अदालत ने मांगा जवाब

बंबई उच्च न्यायालय ने आज केंद्र तथा महाराष्ट्र सरकार को एक जनहित याचिका पर जवाब में अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां के खिलाफ एक विमान में यात्रा करते समय हाथ में त्रिशूल लेकर चलने के मामले में कार्रवाई की मांग की गयी

By Gunateet OjhaEdited By: Publish:Fri, 16 Oct 2015 06:35 PM (IST) Updated:Sat, 17 Oct 2015 06:08 AM (IST)
विमान में त्रिशूल ले जाने पर राधे मां से अदालत ने मांगा जवाब

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने आज केंद्र तथा महाराष्ट्र सरकार को एक जनहित याचिका पर जवाब में अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां के खिलाफ एक विमान में यात्रा करते समय हाथ में त्रिशूल लेकर चलने के मामले में कार्रवाई की मांग की गयी है।

सामाजिक कार्यकर्ता रमेश जोशी द्वारा दाखिल जनहित याचिका में दावा किया गया है कि राधे मां ने नौ अगस्त को औरंगाबाद से मुंबई के लिए एक निजी एयरलाइन्स की उड़ान में यात्रा करते हुए अपने हाथों में त्रिशूल लेकर नागरिक उड्डयन नियमों को तोड़ा है।

न्यायमूर्ति वी एम कनाडे और न्यायमूर्ति शालिनी फनसालकर-जोशी की खंडपीठ ने याचिका में प्रतिवादी के तौर पर राधे मां को शामिल करने तथा जनहित याचिका की एक प्रति उन्हें देने को कहा।

अदालत ने केंद्र तथा राज्य सरकार और राधे मां को 18 नवंबर तक अपने हलफनामे जमा करने को कहा।

याचिका में आरोप है कि राधे मां के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराये जाने के बावजूद पुलिस अधिकारियों और महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की।

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