Coronavirus Immunity : केंद्र सरकार ने लोगों से की काढ़ा, च्यवनप्राश, हल्दी के सेवन की अपील

लोगों से पुराने नुस्खों से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की अपील की है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच गिलोय-नीम का जूस एवं तुलसी का अर्क की मांग बढ़ गई है। गिलोय घनबटी च्यवनप्राश के साथ ही गिलोय व नीम के जूस की भी मांग बढ़ी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 10:34 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 07:17 AM (IST)
Coronavirus Immunity : केंद्र सरकार ने लोगों से की काढ़ा, च्यवनप्राश, हल्दी के सेवन की अपील
लोगों ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा, च्यवनप्राश और हल्दी- दूध जैसे परंपरागत पदार्थो का इस्तेमाल किया था

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और बड़ी संख्या में हो रही मौतों को देखते हुए सरकार ने एक बार फिर लोगों से पुराने नुस्खों से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की अपील की है। योजना आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि लोगों को तत्काल काढ़ा, च्यवनप्राश, हल्दी के दूध के इस्तेमाल के साथ ही योग भी शुरू कर देना चाहिए। डॉ. पॉल के अनुसार कोरोना की पहली लहर के दौरान लोगों ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा, च्यवनप्राश और हल्दी- दूध जैसे परंपरागत पदार्थो का जमकर इस्तेमाल किया था और इसका फायदा भी देखने को मिला।

उन्होंने कहा कि पिछली बार जिन चीजों का फायदा मिला था, इस बार भी उनका फायदा मिलना तय है। सभी लोगों से इन इम्युनिटी बूस्टर का इस्तेमाल करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि लोग चाहें तो इसके लिए आयुर्वेदिक डॉक्टरों से भी संपर्क कर सकते हैं। ध्यान देने की बात है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान सरकार ने आयुर्वेदिक नुस्खों के इस्तेमाल के लिए विस्तृत गाइडलाइंस जारी की थी और माइल्ड और मॉडरेट संक्रमण के मामलों में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से इलाज की इजाजत भी दी थी। 

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच गिलोय-नीम का जूस एवं तुलसी का अर्क की मांग बढ़ गई है। गिलोय, घनबटी, च्यवनप्राश के साथ ही गिलोय व नीम के जूस की भी मांग बढ़ी है। 

कोरोना की दूसरी लहर देश के कई राज्यों में पहुंच गई है। विशेषज्ञों की राय में कोरोना की यह दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है। इस बार मरीजों में उल्टी और दस्त जैसे लक्षण भी दिख रहे हैं। नए लक्षण और टेस्ट कराने में देरी घातक साबित हो रही है। डाक्टरों के अनुसार, अब वायरस के स्ट्रेन में संक्रमण की गति को बढ़ाने वाले म्यूटेशन हैं, यह शरीर के ए-2 रिसेप्टर को आसानी से पकड़ रहा है।

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