छत्तीसगढ़ में जल्द ही कोरोना जांच की क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी, स्टेडियम बना कोविड अस्पताल

अगर केस बढ़ते हैं तो सरकार कृषि विश्वविद्यालय के जांच लैब का अधिग्रहण करेगी। अभी राज्य के सरकारी अस्पतालों में ही कोविड-19 का इलाज किया जा रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 15 Jun 2020 06:27 PM (IST) Updated:Mon, 15 Jun 2020 06:27 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में जल्द ही कोरोना जांच की क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी, स्टेडियम बना कोविड अस्पताल
छत्तीसगढ़ में जल्द ही कोरोना जांच की क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी, स्टेडियम बना कोविड अस्पताल

रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में सप्ताह भीतर कोरोना जांच की क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी। अभी चार स्थानों पर जांच होने से एक दिन में 22 सौ सैंपल की जांच हो पा रही है। अब तीन और जिलों में आरटीपीसीआर लैब तैयार किया जा रहा है। वहीं टीबी की जांच करने वाली ट्रू-नेट मशीन से भी जिलों में जांच तेज होगी। सरकार प्रतिदिन 52 सौ से 58 सौ सैंपलों की जांच शुरू कराने की तैयारी की है।

केस बढ़ने पर कृषि विश्वविद्यालय के जांच लैब का होगा अधिग्रहण

अगर केस बढ़ते हैं तो सरकार कृषि विश्वविद्यालय के जांच लैब का अधिग्रहण करेगी। अभी राज्य के सरकारी अस्पतालों में ही कोविड-19 का इलाज किया जा रहा है। अस्पतालों में करीब पांच हजार बेड़ की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। इसके अलावा रायपुर में स्टेडियम को कोविड अस्पताल के लिए अधिग्रहित किया गया है। जहां बेड लगाने की व्यवस्था शुरू की गई है।

पद्मश्री पूनाराम के परिवार की मदद के लिए यूपी के विधायक ने भिजवाया राशन

पद्मश्री पूनाराम की बहू को मनरेगा में मजदूरी करने पर मजबूर होने की खबर पर छत्तीसगढ़ सरकार ने अब तक सुध नहीं ली है। राज्य के संस्कृति विभाग ने भी कोई प्रयास नहीं किया। वही उत्तर प्रदेश के हरदोई से समाजवादी पार्टी के एमएलसी सदस्य डॉ. राजपाल कश्यप ने पद्मश्री पूनाराम के परिवार के लिए राशन भिजवाया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के पदाधिकारियों से संपर्क कर राशन की व्यवस्था की है। साथ ही परिवार के सदस्यों से भी फोन पर बात की है। पूनाराम के परिवार के मुताबिक वहां के नेता ने 30 किलो आटा, 30 किलो दाल, 30 किलो चावल और 30 किलो आलू-प्याज भेजा है।

लॉकडाउन के बाद जिंदगी, कारोबार और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की मुहिम

छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के कारण कमजोर पड़ी अर्थव्यवस्था को अब धीरे-धीरे गति देने का काम शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें लोगों को सावधानी के साथ अपने काम पर लौटने की अपील की है। छत्तीसगढ़ी में बने इस वीडियो में संदेश दिया गया है-कोरोना ला सब झन मिलके हराबो, चलव संगी अपन अपन काम बुता बर जाबो।

छग में भाजपा के 25 लाख सदस्यों ने पीएम केयर फंड में जमा किए सिर्फ 85 हजार

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हर कार्यकर्ता को 10 नए लोगों से पीएम केयर में फंड जमा कराने का निर्देश दिया था। लेकिन छत्तीसगढ़ में स्थिति उलट है। भाजपा के कुल 25 लाख कार्यकर्ता हैं, लेकिन पीएम केयर में सिर्फ 85 हजार ने फंड जमा किया। छत्तीसगढ़ से तीन करोड़ की राशि पीएम केयर्स फंड में जमा कराई गई है। केंद्र को रिपोर्ट भेजने के बाद प्रदेश संगठन को फटकार लगी है। वहीं विपक्षी दलों ने भी निशाना साधा है। कांग्रेस का आरोप है कि अब भाजपा के कार्यकर्ता ही उनके साथ नहीं है। ऐसे में पीएम केयर में दान करने वालों की संख्या घट गई है।

मृत्यु भोज समाप्त करने के लिए अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज ने छेड़ी मुहिम

लॉकडाउन से सीख लेते हुए अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज ने देशभर में मृत्यु भोज समाप्त करने सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ दी है। समाज से जुड़े युवाओं का कहना है कि कोरोना काल में अंतिम संस्कार के दौरान सीमित लोग ही जुट रहे हैं। इस परंपरा को आगे भी जारी रखना होगा। साथ ही मृत्यु भोज जैसी परंपरा पर विराम लगाने की आवश्यकता है। इससे धन के साथ ही समय की बचत होगी।

कोल ब्लॉक की नीलामी के विरोध में ग्रामीणों ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

छत्तीसगढ़ के हरदेव अरण्य क्षेत्र के छह कोल ब्लॉक की निजी क्षेत्र को नीलामी का स्थानीय आदिवासियों ने विरोध शुरू कर दिया है। आदिवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोल ब्लॉक की नीलामी रोकने की मांग की है। आदिवासियों का कहना है कि यह वन संपदा है, जिसे बचाना जरूरी है। यहां कोल खनन से हाथी मानव द्वंद और बढ़ेगा।

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