चार पर्वतारोहियों को रेस्‍क्‍यू कर वायु सेना ने सुरक्षित निकाला, बार-बार आ रहे बर्फीले तूफान के कारण अभियान रोका

नंदा देवी ईस्ट चोटी आरोहण में लापता सात विदेशी और एक भारतीय पर्वतारोही एवलांच में फंस गए थे। खोज व बचाव कार्य में जुटी आइटीबीपी का तीन पर्वतारोहियों से संपर्क हो चुका है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 02 Jun 2019 09:47 AM (IST) Updated:Mon, 03 Jun 2019 12:01 PM (IST)
चार पर्वतारोहियों को रेस्‍क्‍यू कर वायु सेना ने सुरक्षित निकाला, बार-बार आ रहे बर्फीले तूफान के कारण अभियान रोका
चार पर्वतारोहियों को रेस्‍क्‍यू कर वायु सेना ने सुरक्षित निकाला, बार-बार आ रहे बर्फीले तूफान के कारण अभियान रोका

पिथौरागढ़, जेएनएन : नंदा देवी अभियान के दौरान बेस कैंप में फंसे इंग्लैंड निवासी चार ट्रैकर्स को हैलीकॉप्टर से सेना ने रेस्‍क्‍यू कर सुरक्षित निकाल लिया है। जिसके बाद उन्‍हें सेना के ही हॉस्पीटल में पहुंचा दिया गया। चारों ट्रैकर्स नंदा देवी आरोहण दल में शामिल थे परंतु चोटी आरोहण में नहीं गए थे। जिसमें एक महिला ट्रैकर्स भी शामिल है। सेना के हेलीकॉप्टर से नंदादेवी क्षेत्र में अब तक तीन बार चक्कर लगाया जा चुका, लेकिन लापता पर्वतारोहियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। नंदा देवी क्षेत्र में लगातार एवलांच (बर्फीला तूफान) आने के कारण रेस्‍क्‍यू अभियान चलाने में दिक्‍कत हा रही है। मौसम खराब होने से खोज एवं बचाव कार्य फिलहाल रोक दिया गया है। डीएम ने बताया मौसम ठीक रहा तो कल या फिर परसो अभियाने फिर शुरू किया जाएगा। आईटीबीपी का बचाव दल बेस कैम्प पहुंच चूका है। 
रविवार हैलीकॉप्टर से बेस कैम्प से जरचे क्वैन 32 वर्ष पुत्र मिशेल क्वैन निवासी यूके, केट आर्मस्टान 39 वर्ष पत्नी मैथ्यू आर्मस्ट्रांग निवासी यूके, इयान बडे 45 वर्ष पुत्र एंथोनी बडे निवासी यूके और मार्क थॉमस 44 वर्ष पुत्र विलिसन निवासी यूके को बेस कैम्प से पिथौरागढ़ के सेना अस्पताल पहुंचा दिया गया है। इस अभियान में कुल 12 विदेशी पर्वतारोही और एक भारतीय लाइजनिंग ऑफिशर शामिल थे। जिसमें से आठ के बारे में फिलहाल पता नहीं चल पाया है। आईटीबीपी के अनुसार पोर्टर से मिली सूचना पर तीन पर्वतारोही सुरक्षित हैं और पांच एवलांच की चपेट में आए हैं। हालांकि इस बता की अभी पुष्टि नही हो सकी है। 
हिमालयन रन एंड ट्रैक प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली द्वारा संचालित नंदा देवी ईस्ट अभियान दस मई को नई दिल्ली से रवाना हुआ। इस दल में 12 सदस्य शामिल थे। जिसमें तीन यूके, तीन यूएसए, एक आस्ट्रेलिया का पर्वतारोही, एक भारतीय लाइजन ऑफिसर और चार पोर्टर शामिल थे। मुनस्यारी से भी 16 पोर्टर्स और मजदूर दल का सामान पहुंचाने बेस कैंप तक गए थे। दल 13 मई को मुनस्यारी से नंदा देवी बेस कैंप को रवाना हुआ। 31 मई की सायं साढ़े पांच बजे अभियान प्रायोजित कर रही नई दिल्ली की संस्था ने जिला प्रशासन को विदेशी पर्वतारोहियों और भारतीय लाइजन ऑफिसर के लापता होने की सूचना दी। सूचना मिलते ही डीएम डॉ. वीके जोगदंडे ने आइटीबीपी, एसडीआरएफ आदि से सम्पर्क कर खोज एवं बचाव कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उत्तराखंड शासन द्वारा हेलीकॉप्टर से भी खोज एवं बचाव कार्य चलाने का निर्णय लिया। हालांकि‍ शनिवार को नंदा देवी क्षेत्र में मौसम खराब था। 

पोर्टर ने दी थी एवलांच की सूचना 
आइटीबीपी के डीआइजी एपीएस निंबाडिया ने बताया खोज व बचाव को निकली आइटीबीपी टीम को रास्ते में पर्वतारोही दल में शामिल पोर्टर प्रेम लाल ने नंदा देवी में एवलांच आने की जानकारी दी थी। इसके बाद आइटीबीपी की 14वीं वाहिनी के उप कमान अधिकारी सुनील कुमार के नेतृत्व में रेस्क्यू तेज कर दिया गया। शनिवार रात सेटेलाइट फोन के जरिये बेस कैंप-दो में तीन सकुशल ठहरे पर्वतारोहियों से संपर्क भी स्थापित हो गया। सभी से बेस कैंप में ही रुकने को कहा गया है। पांच अन्य पर्वतारोही एवलांच की चपेट पर आए हैं। रविवार सुबह वायुसेना और आइटीबीपी हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू अभियान चलाएगी। वहीं जिलाधिकारी डॉ. वीके जोगदंडे ने बताया कि आइटीबीपी व वायुसेना से लगातार संपर्क बनाकर पर्वतारोहियों को रेस्क्यू करने के प्रयास हो रहे हैं। 

दल में शामिल पर्वतारोही 

1. मार्टिन मोरेन-यूके टीम लीडर 
2.जॉन मेकलर्न-यूके 
3: रुपेर्ट ह्वेवेल-यूके 
4. रिचर्ड प्याने -यूके 
5. रूथ मैक्केन-आस्ट्रेलिया 
6. एंथनी सूडेकम-यूएसए
7. रोलाल्ड बैमेल-यूएसए
8. आइएमए के लाइजन आफीसर चेतन पांडेय-अल्मोड़ा 

पोर्टर ने बताया कि एवलांच में आया था दल 
नंदा देवी आरोहण के दौरान लापता सात विदेशी पर्वतारोहियों व एक भारतीय लाइजन ऑफिसर के एवलांच में फंसने की आशंका प्रबल हो गई है। दल के साथ गए पोर्टर ने आइटीबीपी के खोज व बचाव दल को एवलांच की जानकारी दी। आइटीबीपी के डीआइजी एपीएस निंबाडिया ने बताया कि मुनस्यारी से दल में शामिल हुए पोर्टर प्रेम लाल शनिवार को नंदा देवी बेस कैंप से वापस लौटे। इस दौरान रास्ते में आइटीबीपी के खोज व बचाव दल को प्रेम लाल ने बताया कि नंदा देवी में एवलांच आया था। इस एवलांच की चपेट में चार लोग भी आए थे। इससे अधिक जानकारी पोर्टर को भी नहीं है। आइटीबीपी ने 14 वीं वाहिनी के उप कमान अधिकारी सुनील कुमार जो खुद में पर्वतारोही हैं उनके नेतृत्व में टीम भेजी है। वहीं डीएम डॉ. वीके जोगदंडे का कहना है कि एवलांच आने की सूचना मिली है। बावजूद इसके पर्वतारोहियों के उसके चपेट में आने या फंसे होने की स्थिति आइटीबीपी रेस्क्यू टीम के मौके पर पहुंचने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी। 

22 मई को मार्टिन ने फेसबुक पर की थी पोस्ट
नंदा देवी आरोहण में गए पर्वतारोहण दल के टीम लीडर मार्टिन मोरेन ने 22 मई को सायं 5:39 बजे फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। इसके बाद फिर पोस्ट आनी बंद हो गई। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि पर्वतारोही 22 की रात से ही लापता हैं। टीम लीडर मार्टिन मोरेन ने 22 मई को फेसबुक में जो पोस्ट डाली है उसमें लिखा है कि टीम नंदा देवी के दूसरे बेस कैंप में पहुंची है। बेस कैंप की ऊंचाई 4870 मीटर है। उन्होंने लिखा है कि इसके बाद अगले कदम की तैयारी हो रही है। 

1939 से चल रहे हैं नंदा देवी अभियान
नंदा देवी आरोहण अभियान वर्ष 1939 से चल रहे हैं। प्रथम एवरेस्ट विजेता तेनजिंग नोर्के भी नंदा देवी आरोहण किए हैं। नंदा देवी चोटी पर दुनिया के कई देशों के पर्वतारोही चढ़े हैं। 1967-68 में तो अमेरिका और भारत के संयुक्त अभियान में यहां पर रडार लगाने के लिए उपकरण भी ले जाए गए थे। उपकरण चोटी तक नहीं पहुंच पाए थे। 

नंदा देवी आरोहण के अभियान 

1. 1939 - पोलैंड के पर्वतारोही चढ़े 
2. 1951 - फ्रांस के दल का अभियान, जिसमें एवरेस्ट विजेता तेनजिंग नोर्के भी शामिल थे।
3. 1975 - भारत और फ्रांस के पर्वतारोहियों का संयुक्त अभियान 
4. 1976 - भारत और जापान के पर्वतारोहियों का संयुक्त अभियान 
5. 1991 - भारत और रू स के पर्वतारोहियों का संयुक्त अभियान 
6. 1992 - सीमा सुरक्षा बल के पर्वतारोहियों का अभियान 
7.1994- स्पेनिश पर्वतारोहियों का अभियान 
8.1995- भारत - अमेरिका का संयुक्त अभियान

2017 में लापता हुए थे सात जवान 
वर्ष 2017 में चले नंदा देवी अभियान में सात जवान लापता हुए थे। जबकि इससे पहले पंचाचूली अभियान में भी आइटीबीपी के सात पर्वतारोही लापता हुए हैं। पर्वतारोहण के क्षेत्र के कार्य करने वाली आइस संस्था के पर्वतारोही वासु पांडेय बताते हैं कि नंदा देवी में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जो एवलांच के लिहाज से संवेदनशील हैं। इस साल अधिक हिमपात के चलते इस बार एवलांच के अधिक आसार भी हैं। नंदा देवी क्षेत्र काफी सुंदर है। पर्वतारोही मार्टिन को यह खूब भाता है।

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