सबको दो डोज मिलने के बाद ही बूस्टर पर विचार, दिसंबर तक दोनों खुराक उपलब्ध कराने का लक्ष्य

देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और टीकाकरण के बाद बनी एंटीबाडी के सीमित समय को देखते हुए पूरी दुनिया में वैक्सीन की तीसरी या बूस्टर डोज को लेकर मंथन शुरू हो गया है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 08:44 PM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 11:45 PM (IST)
सबको दो डोज मिलने के बाद ही बूस्टर पर विचार, दिसंबर तक दोनों खुराक उपलब्ध कराने का लक्ष्य
पूरी दुनिया में वैक्सीन की तीसरी या बूस्टर डोज को लेकर मंथन शुरू हो गया है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और टीकाकरण के बाद बनी एंटीबाडी के सीमित समय को देखते हुए पूरी दुनिया में वैक्सीन की तीसरी या बूस्टर डोज को लेकर मंथन शुरू हो गया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार की पहली प्राथमिकता दिसंबर तक देश के सभी वयस्कों को वैक्सीन की दोनों डोज उपलब्ध कराने की है। उसके बाद तीसरी डोज पर विचार होगा।

महसूस की जा रही बूस्‍टर डोज की जरूरत 

कोरोना के खिलाफ सरकार की रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया में कई विज्ञानी बूस्टर डोज की जरूरत पर बल दे रहे हैं। कई देशों में बड़े पैमाने पर टीकाकरण के बावजूद कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इसकी जरूरत भी महसूस की जा रही है।

दिया जा रहा यह तर्क 

इसके लिए सबसे बड़ा तर्क यह दिया जा रहा है कि वैक्सीन के कारण शरीर में बनी एंडीबाडी लगभग तीन से छह महीने में समाप्त हो जाती है और वह व्यक्ति आसानी से कोरोना संक्रमित हो सकता है।

गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ रहे लोग 

इसका दूसरा पहलू यह भी है कि वैक्सीन लेने वाले लोग संक्रमित होने के बाद भी गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं और उनमें बहुत कम लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है। यानी वैक्सीन की दो डोज कोरोना के गंभीर संक्रमण और उससे होने वाली मौतों को रोकने में काफी हद तक कारगर साबित हो रही है।  

प्राथमिकता पहले दोनों डोज लगाने की 

जाहिर है सरकार की पहली प्राथमिकता तीसरी लहर के पहले अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज उपलब्ध कराने की है, ताकि वह दूसरी लहर की तरह भयावह रूप धारण नहीं कर सके। एक बार सभी वयस्कों को दोनों डोज लगने के बाद तीसरे या बूस्टर डोज पर विचार किया जा सकता है। 

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