महाराष्ट्र में भाजपा को जोर का झटका, अशोक चह्वाण ने बचाया अपना जनाधार

नांदेड़-वागाला महापालिका की 81 सीटों के लिए बुधवार को हुए चुनावों में अब तक कांग्रेस 66 सीटें जीत चुकी है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Thu, 12 Oct 2017 10:31 PM (IST) Updated:Fri, 13 Oct 2017 10:23 AM (IST)
महाराष्ट्र में भाजपा को जोर का झटका, अशोक चह्वाण ने बचाया अपना जनाधार
महाराष्ट्र में भाजपा को जोर का झटका, अशोक चह्वाण ने बचाया अपना जनाधार

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण ने अपने गृहनगर नांदेड़ की महापालिका में बड़ी जीत हासिल कर पार्टी में अपने विरोधियों का मुंह बंद कर दिया है। नांदेड़-वागाला महापालिका की 81 सीटों के लिए बुधवार को हुए चुनावों में अब तक कांग्रेस 66 सीटें जीत चुकी है।

नांदेड़-वाघाला महापालिका का गठन करीब दो दशक पहले हुआ था। यह तभी से कांग्रेस का मजबूत गढ़ मानी जाती रही है। पिछले साल भर से महाराष्ट्र में चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छी जीत हासिल करती आ रही भाजपा नांदेड़ में भी सफलता की उम्मीद लगाए बैठी थी। लेकिन, यहां उसे अब तक पांच सीटों से ही संतोष करना पड़ा है। फिर भी भाजपा यहां अपनी स्थिति सुधारने में सफल रही है। पिछले महापालिका चुनाव में उसका खाता भी नहीं खुला था। पिछले चुनाव में 14 सीटें हासिल करनेवाली शिवसेना घटकर एक सीट पर पहुंच गई है। चुनाव से पहले कांग्रेस नेता मुहम्मद आरिफ नसीम खान ने दावा किया था कि इस बार कांग्रेस को पहले से ज्यादा सीटें मिलेंगी। पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस 41 सीटें जीतकर बमुश्किल बहुमत के करीब पहुंच सकी थी।

यह जीत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चह्वाण के लिए भी बड़ी राहत देने वाली है, क्योंकि कुछ दिनों से पार्टी में उनके विरुद्ध आवाज उठनी शुरू हो गई थी। कई वरिष्ठ कांग्रेसियों ने कुछ दिनों पहले दिल्ली जाकर हाईकमान से उन्हें हटाने की मांग की थी। चह्वाण ने पार्टी में अपने विरुद्ध उठ रही आवाजों को दबाने के लिए पिछले माह ही नांदेड़ और परभणी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का बड़ा रोड शो किया था।

इसके अलावा नांदेड़ में कांग्रेस को नुकसान पहुंचानेवाली एमआइएम की ताकत कम करना भी कांग्रेस के लिए फायदेमंद रहा है। पिछले महापालिका चुनाव में एमआइएम यहां 11 सीटें जीतने में सफल रही थी। इस बार अशोक चह्वाण ने पिछली बार एमआइएम से सभासद चुने गए ज्यादातर लोगों को कांग्रेस का टिकट देकर अपने साथ मिला लिया था। आज की सफलता में इसका बड़ा लाभ कांग्रेस को मिला है।

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